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छत्तीसगढ़जशपुर नगर

संविधान विरोधी काम कर रहे भाजपा के लोग : वाल्टर तिर्की

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शैलेंद्र कुमार सह संपादक की रिपोर्ट

जशपुर। आदिवासी स्वशासन और संवैधानिक अधिकारों की जड़ों पर कुठाराघात करने का गंभीर आरोप भाजपा नेताओं पर लगाया गया है।  सामाजिक कार्यकर्ता वाल्टर कुजूर ने कहा कि भाजपा से जुड़े लोग सुनियोजित तरीके से गांव-गांव जाकर संविधान और पेसा कानून की अवहेलना कर परंपरागत ग्राम सभा के नाम पर असंवैधानिक कार्यक्रम कर रहे हैं।

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बाहरी लोगों की मौजूदगी पर आपत्ति

वाल्टर कुजूर ने कहा कि 26 सितंबर को कृपा शंकर भगत के नाम से. आस्ता, माडो, खमहली, हर्रा डीपा, कारा दरी,ओरडीह, बहेरना,इराई, अंधर झर खोगा पंचायत क्षेत्र में  ग्राम सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में न केवल भाजपा के स्थानीय पदाधिकारी बल्कि जिले और प्रदेश स्तर के नेताओं को भी बुलाया गया, जो संविधान के प्रावधानों के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि ग्राम सभा का अधिकार केवल गांव के पंजीकृत मतदाताओं का है, न कि बाहरी दलों और संगठनों का।

संविधान और पेसा कानून का उल्लंघन

पत्र के हवाले से वाल्टर तिर्की ने बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 और छत्तीसगढ़ पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम 1996 के तहत ग्राम सभा केवल ग्राम पंचायत क्षेत्र के निवासियों की होती है। इसमें बाहरी लोगों की भागीदारी पूर्णतः प्रतिबंधित है।
फिर भी भाजपा के नेता धर्म, संस्कृति और परंपरा के नाम पर बाहरी लोगों को बुलाकर न केवल पेसा कानून का उल्लंघन कर रहे हैं बल्कि आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकारों को भी कमजोर करने का षड्यंत्र कर रहे हैं।

आदिवासी समाज को गुमराह करने की कोशिश

वाल्टर कुजूर ने कहा कि भाजपा नेता योजनाबद्ध तरीके से आदिवासी समाज को गुमराह कर रहे हैं। पेसा कानून, ग्राम सभा और परंपरागत स्वशासन की आड़ में ऐसे प्रस्ताव पारित कराने की कोशिश हो रही है जो संविधान की मूल भावना और आदिवासी अधिकारों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र और आदिवासी अस्मिता दोनों के साथ छल है।

प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग

वाल्टर कुजूर ने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह के कार्यक्रमों पर तत्काल रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि संविधान ने आदिवासी समाज को विशेष अधिकार दिए हैं, लेकिन भाजपा उन्हें छीनने और अपने राजनीतिक हितों के लिए उनका दुरुपयोग करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया कि जिन कार्यक्रमों में बाहरी लोगों की मौजूदगी कराई गई है, उन्हें अवैध घोषित किया जाए और आयोजकों पर कठोर कार्रवाई हो।

भाजपा की मंशा पर सवाल

वाल्टर कुजूर ने कहा कि यदि भाजपा को सचमुच आदिवासी समाज की चिंता है तो उसे संविधान और कानून का पालन करना चाहिए। लेकिन यहां तो कानून तोड़ने की परंपरा बन गई है। ग्राम सभा का असली उद्देश्य गांव की समस्याओं का समाधान और विकास की रूपरेखा तय करना है, जबकि भाजपा नेता इसे राजनीतिक मंच बनाने पर तुले हैं।

उन्होंने कहा कि “ग्राम सभा गांव वालों की होती है, बाहरी नेताओं की नहीं। भाजपा आदिवासी स्वशासन व्यवस्था को कमजोर करने का काम कर रही है।” यह अनुचित है जिसे प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए.

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