छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

भाजपा कार्यकर्ताओं ने आपातकाल के पचास साल पूरा होने पर लोकतंत्र सेनानियो का सम्मान मनाया काला दिवस

दीपक यादव बिलासपुर संभाग ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट

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जांजगीर: बुधवार को आपातकाल के पचास वर्ष पूर्ण होने पर 25 जून के दिन को  काला दिवस के रूप मनाते हुए भारतीय जनता पार्टी जांजगीर चाम्पा जिले के कार्यकर्ताओ ने  लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान किया देश में 25 जून, 1975 को आपातकाल घोषित किया गया था और यह 21 मार्च, 1977 तक जारी रहा। इस समय को नागरिक स्वतंत्रता के दमन के तौर पर देखा जाता है। इस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के इस कदम का विरोध करने वाले नेताओं को गिरफ्तार किया था।

लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान भाजपा ने किया है हमेशा – कमलेश जांगड़े
लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान हमेशा भाजपा ने किया है और निरंतर करते रहेंगे। उक्त बाते लोकतंत्र सेनानी एवं दिवंगत हुए उनके परिवार के सदस्य व उपस्थित कार्यकर्ताओ को सम्बोधित करते हुए कही उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र और राजनीति के सबसे दुखद और काला अध्याय के रूप में आपातकाल के विरोध में उठी प्रत्येक आवाज को सादर नमन  उन्होंने कहा जिस तरह से अत्याचार किया गया वह निंदनीय था। हम सबको भी लोकतंत्र सेनानियों से सीख मिलती है कि उन्होंने किस तरह से संघर्ष किया आपातकाल लगाना और अत्याचार करना बड़े दुख की बात है। मैं ऐसे लोकतंत्र सेनानियों को नमन करती हूं।  आपातकाल के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इस  25 जून के दिन को हमेशा मनाया जाएगा

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संविधान और लोकतंत्र की हत्या तो कांग्रेस ने की थी आपातकाल थोपकर – कमलेश  लोकसभा सांसद श्रीमति जांगड़े ने कहा है कि तात्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आज से ठीक पचास साल पहले 25 जून 1975 को अपनी कुर्सी बचाने व सत्ता पर बने रहने के लालच में संविधान व लोकतंत्र की हत्या करते हुए देश में आपातकाल थोप दिया था। कांग्रेस पार्टी के इस काले अध्याय में न केवल लोकतांत्रिक संस्थाओं को रौंदा, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता, न्यायपालिका की निष्पक्षता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचलकर यह स्पष्ट कर दिया कि जब जब कांग्रेस की सत्ता संकट मे होती है, वह संविधान और देश की आत्मा को ताक पर रखने से पीछे नहीं हटती। आज 50 वर्ष बाद भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ चल रही है, सिर्फ तरीकों में बदलाव हुआ है, मगर कांग्रेस की नीयत आज भी वैसी ही तानाशाही वाली है।


आगे कहा कि सत्ता लोभ कांग्रेस का स्थायी चरित्र है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 जून 1975 को इंदिरा गांधी को चुनाव में भ्रष्ट आचरण व सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करने का दोषी ठहराया और उन्हें 6 वर्ष तक किसी भी निर्वाचित पद पर रहने से अयोग्य घोषित कर दिया था, जिससे घबराकर सत्ता पर काबिज रहने के लिये इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को आतंरिक अशांति का हवाला देकर राष्ट्रपति से देश में आपातकाल लगवा दिया था। जिसके बाद रातोंरात प्रेस की बिजली काट दी गई, नेताओं को बंदी बना लिया गया और देश में तानाशाही लाद दी गई। संविधान के अनुच्छेद 352 का दुरूपयोग कर लोकतंत्र को रौंदा गया, संसद व न्यायपालिका को अपंग बनाने का घृणित कृत्य कांग्रेस ने किया। कांग्रेस का यह काला चेहरा व चरित्र देश की जनता को जानना व समझना होगा।

कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान को कुचला: गिरधर गुप्ता

जांजगीर चाम्पा भाजपा के संगठन प्रभारी गिरधर गुप्ता ने कहा है कि कांग्रेस ने 25 जून, 1975 को देश पर आपातकाल थोपकर लोकतंत्र के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात किया लेकिन आज भी वह अपने किए के लिए न तो माफी मांगती है और न ही पछतावा प्रकट करती है। आज ‘संविधान बचाओ का नारा देने वाली कांग्रेस वही पार्टी है जिसने संविधान को सबसे पहले और सबसे गहराई से रौंदा था। कहा कि आपातकाल की घोषणा कोई राष्ट्रीय संकट का नतीजा नहीं थी, बल्कि यह एक डरी हुई प्रधानमंत्री की सत्ता बचाने की रणनीति थी, जिसे न्यायपालिका से मिली चुनौती से बौखलाकर थोपा गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ‘आंतरिक अशांति’ की आड़ लेकर अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग किया, जबकि न उस समय कोई युद्ध की स्थिति थी, न विद्रोह और न ही कोई बाहरी आक्रमण हुआ था।

भारतीय लोकतंत्र और राजनीति का सबसे काला अध्याय- अंबेश
देश में 50 साल आपातकाल के पूरे हो गए हैं। 1975 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार ने इस अपमानजनक स्थिति की घोषणा की थी, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। मृतकों की 50वे वर्ष पर बीजेपी पार्टी आपातकाल दिवस के रूप मे मना रही है।  भारतीय लोकतंत्र और राजनीति का सबसे काला अध्याय बताया है। इसके साथ ही कांग्रेस पर हमलावर होते हुए कहा कि 50 साल पूरे होने पर 1975 का लोकतंत्र और राजनीति का सबसे काला अध्याय है, अब तक भारत में तीन बार 1962, 1971 और 1975 में नारा लागू हुआ, लेकिन तीसरी बार अपने दावे के लिए लागू हुआ। यह लोकत्रंत की हत्या थी। जिलाध्यक्ष ने कहा कि साल 1971 के चुनाव में कांग्रेस की भारी सरकार बनी थी. इस दौरान देश के हालात बुरे से बदतर थे. लेकिन कांग्रेस पार्टी का व्यवहार अभी तक बदला नहीं है। इंदिरा ने प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए देश को नए सिरे से तैयार किया था।आगे कहा कि कांग्रेस के सर्वोच्च नेता विदेश जाकर देश को बदनाम करते हैं। जैसे तैसे वह सत्ता में आकर आज भी अन्यत्र दोहराते हैं। उन्होंने बताया कि यह तस्वीर आज बीजेपी सरकार में बदली है। देश-प्रदेश में आज स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान हो रहा है। कांग्रेस ने तो इस योजना को बंद कर दिया था, हमारी सरकार ने इसको फिर से चालू किया
भारतीय लोकतंत्र और राजनीति का सबसे काला अध्याय,है जिसे देशवासी कभी नही भूलेंगे कार्यक्रम का संचालन पूर्व जिलाध्यक्ष गुलाब चंदेल ने व आभार संतोष लहरे ने किया उक्त कार्यक्रम मे पूर्व सांसद कमला पाटले सोशल मीडिया के प्रदेश प्रभारी प्रशांत सिंह ठाकुर जिला पंचायत अध्यक्ष सत्यलता मिरी नंदनी रजवाड़े अमर सुल्तानिया दिनेश सिंह पंकज अग्रवाल रवि पांडेय पुष्पेंद्र सिंह हितेश यादव यशवंत साहु पवन यादव समर्थ सिंह विश्वनाथ प्रताप यादव महादेव नेताम संतोष थवाईत पलाश चंदेल राजू कश्यप रितेश अग्रवाल मीरा पत्की उमा सोनी पुष्पेंद्र निर्मलकर सहित भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे

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