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छत्तीसगढ़धमतरी

जिले के अंतिम छोर वनांचल क्षेत्र पर बसे ग्राम खुदुरपानी में पहुंचे कलेक्टर और गांव विकास के लिए ग्रामीणों से की चर्चा

धमतरी/नगरी से धर्मेंद्र यादव जिला ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट

धमतरी जिले के अंतिम छोर वनांचल क्षेत्र पर बसे ग्राम खुदुरपानी पहुंचकर कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने ग्रामीणों से गांव के विकास के बारे में चर्चा की। उन्होंने  सामुदायिक वन अधिकार मिलने से जीवन में आए बदलाव की जानकारी ग्रामीणों से ली। इस दौरान कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण का सर्वे जल्द से जल्द पूरा कर पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करें।इसके साथ ही उन्होंने शासन की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को देने पर जोर दिया।  इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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        खोज संस्था के प्रतिनिधि बेनीपुरी ने कलेक्टर को बताया कि गांव को 4 वर्ष पूर्व सामुदायिक वन अधिकार प्राप्त हुआ है, जिसके तहत ग्रामीण जंगल का प्रावधान नर्सरी,सीडबॉल श्रमदान रखवाली और जंगल को आग से बचाने का काम करते रहे हैं। इसका फायदा उन्हें इस रूप में मिला कि बीते तीन साल में जंगलों में कोकून की मात्रा में भारी वृद्धि हुई है।ग्रामीणों ने कलेक्टर मिश्रा को यह भी बताया कि चारगांव,मटियाबाहरा में श्रमदान से बोल्डर चेकडैम का भी निर्माण किया गया है। इसके साथ ही गांव के समीप टूटे डेम को मनरेगा एवं वन विभाग द्वारा मरम्मत कराकर पानी संग्रहण किया है, जिसका उपयोग आसपास के 40 किसान अपनी 90 एकड़ भूमि की सिंचाई के लिए कर रहे हैं।

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ग्रामीणों ने कलेक्टर मिश्रा से आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें गांव के जंगलों से निकलने वाले कोसे और धागा निकालने का प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि गांव के जंगल में शिफली पत्ता की भी अधिकता है जो दोना पत्तल निर्माण में उपयोग किया जाता है। अगर दोना पत्तल निर्माण हेतु प्रशिक्षण एवं मशीन उपलब्ध हो जाए तो भी गांव की महिलाओं को रोजगार मिल जाएगा। रेशम विभाग के अधिकारी ने खुद  जंगलों से निकाले गए कोसा का परीक्षण किया और  बताया कि यहां के जंगलों से निकला कोसा उच्च गुणवत्ता का है जिसकी कीमत प्रति कोकून 5 रूपये से  अधिक की है।


      वनमंडल अधिकारी श्रीकृष्ण जाधव ने ग्रामीणों से कहा कि बरसात में सफेद मूसली और औषधि पौधों का रोपण किया जाएगा। इसके लिए सभी ग्रामीण जगह चिन्हांकित कर लें। इसके साथ ही महुवा, इमली की खरीदी के विषय पर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने धौराभाटा से सोढूंर नदी तक और चन्दनबाहरा मार्ग बनाने की भी बात कही।

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