इंडेन गैस प्लांट तानाशाही रवैया से आए बाज वरना होगा आंदोलन=पंकज

लखीमपुर खीरी से शरीफ अंसारी की रिपोर्ट
लखीमपुर खीरी। बेहजम रोड स्थित इंडेन गैस प्लांट के मजदूरों की प्रताड़ना और विभिन्न समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संगठन ने प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र कुमार “पंकज” के नेतृत्व में प्लांट का घेराव किया मजदूरों ने अपनी विभिन्न समस्याएं प्रदेश अध्यक्ष के सामने रखी उन्होंने सारी समस्याओं से और तानाशाही रवैया से प्लांट मैनेजर को अवगत कराया प्लांट मैनेजर ने वार्ता करने के लिए अंदर बुलाया लेकिन किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष और मजदूरों ने अंदर जाने से मना कर दिया। प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र कुमार “पंकज” ने कहा कि जब तक प्लांट के मजदूरों की समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता तब तक मजदूर काम पर वापस नहीं जाएंगे जिसका जिम्मेदार प्लांट प्रशासन खुद होगा। प्लांट प्रशासन मजदूरों का उत्पीड़न कर रहा है जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

लखनऊ मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि इन कर्मचारियों के सहारे ही यह प्लांट चलता है आम लोगों के घरों तक गैस पहुंचती इनका हित सर्वोपरि हैं। पूर्व जिला अध्यक्ष सद्दाम रहमानी ने कहा देश की तरक्की में मजदूरों का अहम रोल होता है। इंडेन गैस प्लांट प्रशासन अपनी हरकत से बाहर आए मजदूरों के साथ इज्जत से पेश आए। भारतीय किसान संगठन और मजदूरों की भीड़ को बढ़ता हुआ देख प्रशासन ने प्लांट मैनेजर को वार्ता करने हेतु बाहर बुलाया भारतीय किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष और मजदूरों के सामने आकर प्लांट मैनेजर ने सारी मांगों को सुना और स्वीकार किया। जिसमें मुख्य रूप से प्लांट के ड्राइवर और मजदूरों के साथ अभद्रता करना मजदूरो और ड्राइवरो पर चोरी का इल्जाम लगाना रात में ड्राइवर को रुकने की व्यवस्था न करना बाहर भगा देना बेवजह मजदूर और ड्राइवर की एंट्री बंद करना मजदूरों के ओवर टाइम का पूरा पैसा ना देना एक्सपायरी सिलेंडरों को बिना जांच के कलर करवाना और डेट बदलना जिससे आम जनता के जीवन से खिलवाड़ किया जाता है प्लांट प्रशासन द्वारा आदि मागे शामिल है। भारतीय किसान संगठन की मांगों के सामने आगे प्लांट प्रशासन झुका जिसे प्लांट प्रशासन ने माना और मजदूरों की जीत हुई।
इस दौरान अशोक यादव राजेश शुक्ला शिवम सैनी इकबाल अहमद पिंटू वर्मा अंबिका वर्मा घनश्याम यादव इकलाख अहमद मून कामिल उस्मानी मनोज यादव ललित मिश्रा राजेश मिश्रा संजय गोस्वामी ज्ञानेंद्र सिंह अरुण वर्मा आदि सैकड़ो की संख्या में संगठन के लोग और मजदूर मौजूद रहे।