सारंगढ़ की फाइटर सोनिया ने वर्ल्ड कराते चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत कर भारत का परचम लहराया…

सारंगढ़ से प्रवीण थॉमस की रिपोर्ट
सारंगढ़। 28 से 30 दिसंबर 2024 के बीच जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता में आयोजित SS KAI वर्ल्ड कराटे चैंपियनशिप 2024-25 में छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ की बेटी ने अपने प्रदर्शन से इतिहास रच दिया। 10 देशों के लगभग 800 खिलाड़ियों के बीच जबरदस्त मुकाबले हुए, लेकिन सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की सोनिया चौहान ने सबको पीछे छोड़ते हुए गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन कर दिया।
अशोका पब्लिक स्कूल की छात्रा सोनिया ने कुमिते फाइट में गोल्ड मेडल और काता में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। यह जीत न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का क्षण है।

प्रेरणा और मेहनत से मिली ऐतिहासिक जीत…
सोनिया की इस ऐतिहासिक जीत का श्रेय उनके स्कूल के प्राचार्य श्री जे. पी. मिश्रा को भी जाता है। उनके मार्गदर्शन और सोनिया की अटूट मेहनत ने इस जीत को संभव बनाया। प्राचार्य मिश्रा ने कहा, “सोनिया की यह उपलब्धि साबित करती है कि अगर छोटे शहरों के बच्चे सपने देखने की हिम्मत करें और मेहनत से उन्हें हासिल करने की ठान लें, तो कोई भी चीज उन्हें रोक नहीं सकती।”

सोनिया की सफलता पर मिल रही चारों ओर से बधाईयां…
अशोका पब्लिक स्कूल के संचालकों श्री राजेश अग्रवाल, संजय पांडे और अजेश पुरुषोत्तम अग्रवाल ने सोनिया की इस बड़ी जीत पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि सोनिया का प्रदर्शन भविष्य के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक है।
छत्तीसगढ़ कराटे संघ के अध्यक्ष श्री सुशील चंद्रा, जनरल सेक्रेटरी श्री अविनाश सेट्ठी और कोच सिहान आदिल खान ने भी सोनिया की उपलब्धि की सराहना की। संघ के अन्य सदस्य तापस बोस, रंजन डे, पवन कश्यप, मनोज यादव, रामू भैना, पथिक सोनी, संजुकता मैम, काजी सर, फिज़ा मैम और कौशल जांगड़े ने भी सोनिया को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

छत्तीसगढ़ की बेटियों के लिए नई मिसाल…
सोनिया चौहान की यह सफलता उन सभी बेटियों के लिए प्रेरणा है जो छोटे शहरों में रहकर बड़े सपने देखती हैं। उनकी यह जीत साबित करती है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए जरूरी है मेहनत, लगन और सही मार्गदर्शन।

छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाओं को नई दिशा…
सोनिया ने यह दिखा दिया कि छत्तीसगढ़ की मिट्टी में न केवल खेल के प्रति जुनून है, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर साबित करने का हौसला भी। उनकी इस जीत ने छत्तीसगढ़ के खेल इतिहास में एक नई उपलब्धि जोड़ दी है।
गोल्डन गर्ल सोनिया ने अपने प्रदर्शन से यह संदेश दिया है कि छोटे शहरों की बेटियां भी दुनिया में अपनी पहचान बना सकती हैं। उनकी यह सफलता छत्तीसगढ़ के अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है और राज्य के खेल क्षेत्र को नई दिशा प्रदान करती है।