उत्तर प्रदेशलखीमपुर खीरी

जनपद खीरी नहर विभाग के अधिकारी,यूपी के शासक व नहर मंत्री पर हैं, भारी

लखीमपुर खीरी से शरीफ अंसारी की रिपोर्ट
यूपी के शासक को लेना चाहिए संज्ञान “नहर विभाग के हुक़्मराँन बने हैं,अंज़ान।

“जनपद खीरी  के किसान, नहर विभाग से हैं परेशान।”

गोला गोकरणनाथ खीरी। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उत्तर प्रदेश लखीमपुर खीरी के सिंचाई खण्ड प्रथम की नहर नाला धिरावा माइनर जिसकी मौजूदा लम्बाई लगभग नौ किलोमीटर की है जो खोखाइ और हेमपुर के पास बड़ी नहर से निकालकर छितौनियाँ, धिरावा, मूडा भाई,तुर्कीखेड़ा,बेलवा होते हुए मूडा विश्नू के पास सरायन नदी में आकर गिरता है। इस चोक नाले के जल सैलाब के प्रकोप से मूडा विश्नू के किसान हमेशा प्रभावित रहते हैं जिसका कारण ये है कि सिंचाई जल संसाधन विभाग के द्वारा जो नाले की सफाई व खुदाई का कार्य सिर्फ खोखाइ,हेमपुर से लेकर  बेलवा ग्राम तक ही करवाया जाता रहा है जिसकी शिकायत प्रभावित किसानों ने कई बार जल संसाधन एवं सिंचाई विभाग गोला और जल संसाधन एवं सिंचाई विभाग लखीमपुर खीरी में कई बार की है जिसके बाद भी सफाई व खुदाई का कार्य सिर्फ बेलवा तक ही करवाया जाता है बेलवा से मूड़ा विश्नू तक के नाले की सफाई व खुदाई न होने की वजह से नवम्बर- दिसम्बर से लेकर जनवरी के आखरी सप्ताह तक नाले में आने वाले पानी से प्रतिवर्ष मुड़ा विश्नू के किसान रवी व अन्य फसलों की बुवाई नहीं कर पाते हैं

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अगर किसान इस समय पर किसी भी फसल की बोवाई कर भी दे तो नाले की खुदाई व सफाई न होने की वजह से नाले मे आने वाला पानी खेतों मे जल सैलाब का रूप ले लेता है जिसके चलते वहाँ के किसानों को प्रतिवर्ष लाखों की फसल के नुकसान से दोचार  होना पड़ता है, किसानों का कहना है कि इस नाले की प्रतिवर्ष नहर विभाग की तरफ से सफाई करवाई जाए जिससे किसान अपनी फसल की बुवाई सही समय पर कर सकें।  नहर के जल सैलाब से पीड़ित किसानों का कहना है इस चोक नाले से प्रभावित किसानों को अभी तक नहर विभाग के द्वारा किसी किसान को मुआवज़ा नहीं मिला है
      जबकी किसान सिंचाई विभाग को समय समय पर सिंचाई का भुगतान करते रहे हैं, नहर विभाग के इस चोक नाले से अकारण बहने वाले पानी के जल सैलाब से तमाम किसानों की मसूर,सरसों,आलू,चना,गेंहूं,मटर आदि फसलें जलमग्न होकर नष्ट हो जाती हैं, जबकि अन्नदाता फसलों की बोवाई के लिए  बीज खाद यूरिया एनपीके,डीएपी,पोटास सुपर जिंक कीटनाशक आदि उर्वरक की ख़रीद करने के लिए बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड व सहकारी समिति व किसान सेवा सहकारी समिति से केसीसी के अकाउंट से कर्ज लेकर फसलों की बोवाई करता है, इसके अतिरिक्त फसल की गुड़ाई व किनाशक दवाओं का स्प्रे करने व उगी हुई फसलों में फसल की हरियाली व उसके जड़ों में पोषक तत्व के उपजाने हेतु तथा फसलों की हरियाली के लिए पुनः समय समय पर जरूरत के अनुसार खाद,उर्वरक व कीटनाशक का प्रयोग करने के लिए किसान, कमेरा स्थानीय खाद विक्रेताओं से मिलकर मजबूरन अपने को अतिरिक्त कर्ज़ में डूबाकर फसलों को सुरक्षा प्रदान करके अन्न को तैयार करता है, इतना ही नहीं इसके बावज़ूद गन्ने की फसल में बीज खाद उर्वरक आदि पोषक तत्वों को डालकर सिंचाई गोडाई के बाद गन्ना की फसल को तैयार करके गोला नगर  आदि चीनी मिलों को गन्ना बेंचकर किसान  अपने घर को खाली हाथ बैरंग वापस आता है, गन्ना की छिलाई व ढोलाई का किराया तथा मजदूरों की मजदूरी देने के लिए बहु बेटी के आभूषण बेंचने पर किसान बेबस हो जाता है। किसानों के गन्ने का भुगतान चीनी मिल मालिक समय पर नहीं देते हैं।
  चुनावी जन सभाओं में कद्दावर नेता, मंत्री, कैबिनेट मंत्री जन समूह को संबोधित करते हुए किसान कमेरा व अन्नदाता की फसलों की सुरक्षा के बड़े बड़े वादे व दावे करते हैं, परंतु किसानों की फसलों को नहर विभाग द्वारा जल सैलाब से फसलों को जलमग्न करके नस्तोनाबूद कर देने के बावज़ूद, शासन व सरकार में आला ओहदों पर बैठे हुकमराँन व मंत्री द्वारा नहर विभाग के अफ्सरान पर कोई कार्यवाही न करना किसानों के लिए अशराफ के समान है।
  शासन के आला ओहदों पर कायम शासकों को किसानों की आपदा को संज्ञान लेना चाहिए, शासन व सरकार को ऐसे सख्त कदम उठाने चाहिए जिससे कि नहर विभाग के अधिकारी अपने नालों की सफाई करने पर मजबूर हो जाए।
   सिंचाई खण्ड प्रथम धिरावां माइनर से लिंक नाला के अंतर्गत क्षेत्र के गाँव खोखाइ,हेमपुर,छितौनियाँ, धिरावा, मूडा भाई,तुर्कीखेड़ा,बेलवा व मूडा विश्नू के किसान मुकेश वर्मा, विकास कुमार, विपिन कुमार,जाकिर अली, नरेश वर्मा, मो. रफीक, कलामुद्दीन, राम सागर वर्मा,मो.अतीक, पर्मेश्वरदीन वर्मा,हबीबुल्ला, भोगनाथ वर्मा धरमिंद्र कुमार, सनाउला, फ़ैज़ मोहम्मद, नूर मोहम्मद, जियाउद्दीन, जिलेदार, कमरुद्दीन, रामशंकर पाल, सकिर अली, छोटे लाल शर्मा, अनिल कुमार, पर्मेश्वर भार्गव, सागर राज, रामसागर शर्मा, आदेश शर्मा, बालक राज और ग्राम टुडे रिपोर्टर मोहम्मद अशफाक आदि इस चोक नाला के जल सैलाभ से प्रभावित हो रहे हैं जिससे किसानों की फसलें इसी चोक नाले के पानी से जलमग्न होकर डूबकर नष्ट हो जाती है नहर विभाग को चाहिए इस नाले की सफाई कराकर फसलों को सुरक्षा प्रदान करे।

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