अंबिकापुरछत्तीसगढ़

सफलता की कहानी सैर-सपाटे के शौकीनों के लिए घुनघुट्टा जलाशय में बोटिंग है अच्छा विकल्प

अंबिकापुर से रियाज हुसैन की रिपोर्ट

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बिहान से जुड़ी महिलाएं नौका संचालन का कार्य कर कमा रही आजीविका, काम से मिली पहचान

अम्बिकापुर। अंबिकापुर स्थित घुनघुट्टा जलाशय सैर-सपाटे के शौकीन लोगों के मनपसंद जगहों में से एक है। यहां बोटिंग की सुविधा लोगों के लिए विशेष आकर्षण है। शहर के पास होने की वजह से छुट्टियों के दिनों में लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। घुनघुट्टा जलाशय लोगों का फेवरेट पिकनिक स्पॉट होने के साथ ही जय माँ दुर्गा स्व सहायता समूह की महिलाओं की आजीविका का जरिया भी है। सरगुजा जिले में ऐसी कई महिलाएं हैं, जिन्होंने बिहान की मदद से सफलता की इबारतें लिखीं हैं। इन्हीं में से एक हैं जय दुर्गा महिला समूह जिन्होंने एनआरएलएम से प्रशिक्षण एवं सहायता प्राप्त कर घुनघुट्टा जलाशय में नौका संचालन का कार्य शुरू किया। समूह की महिला सुमिता दीदी ने बताया कि बिहान से जुड़ने के बाद हमें कई तरह के आजीविका गतिविधियों के बारे में बताया गया, जिसमें से नौका संचालन का काम हमें रोचक लगा, हम सब महिलाओं ने उत्सुकता के साथ कार्य करने का निर्णय लिया। प्रशासन की मदद से समूह को बोट मिली जिससे हमने जलाशय में घूमने आने वाले लोगों के लिए बोटिंग का काम शुरू किया।

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घुनघुट्टा जलाशय में सैर-सपाटे के साथ बोटिंग का आनंद लेने पहुंचते हैं लोग-
अम्बिकापुर शहर के पास सुकून के साथ घूमने के लिए घुनघुट्टा जलाशय एक अच्छा विकल्प है। सुमिता दीदी बताती हैं कि हमारे पास अभी 8 सीटर एक बोट है। वयस्कों हेतु किराया 100 रुपए एवं बच्चों के लिए 50 रुपए निर्धारित है, जिससे सीजन में प्रतिदिन 7 से 8 हजार तक की आय हो जाती है। छुट्टी के दिनों, त्योहार, और रविवार जैसे दिनों में ज्यादा चहल पहल रहती है, तो कमाई भी अच्छी होती है। उन्होंने बताया कि मौसम के अनुसार समय तय कर बोटिंग कराई जाती है।
महिलाओं ने बताया कि नौकायन हेतु आने वाले लोगों को सुरक्षा की नजर से बोट में बैठने से लाइफ जैकेट पहनाया जाता है। बोट के मशीन की लगातार जांच, फ्यूल आदि का पूरा ध्यान रखा जाता है, इसमें चप्पू भी रखा गया है। बोट चलाने के लिए समूह द्वारा एक ड्राइवर रखा गया है। 

बिहान से मिली मदद के लिए महिलाओं ने शासन-प्रशासन का किया धन्यवाद-
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मिली सहायता से इन महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। वहीं परिवार, समाज में भी मान-सम्मान बढ़ा है। महिलाओं ने बताया कि बिहान से जुड़ने से पूर्व हम घरेलू कार्य में ही व्यस्त रहतीं थीं, लेकिन इस काम ने हम महिलाओं को एक अलग पहचान दी है।

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