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नारी के सम्मान में, विजेंद्र गुड्डू मैदान में… स्कूल स्कूल जाकर छात्राओं को सीखा रहे आत्मरक्षा की तकनीक…

सारंगढ़: बालिकाओं की शिक्षा के साथ-साथ उनकी सुरक्षा व शारीरिक विकास भी आवश्यक है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण से बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से मज़बूत बनाया जाता है. इससे उन्हें खतरनाक स्थितियों से बचने और शारीरिक हमलों से बचा जा सकता है.।

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कराते मास्टर विजेंद्र गुड्डू के अनुसार आत्मरक्षा प्रशिक्षण में छात्रों को मनोवैज्ञानिक, बौद्धिक, और शारीरिक रूप से मज़बूत बनाया जाता है एवं साथ ही बच्चों को आत्मविश्वास बनाने में मदद मिलती है, बच्चों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है।

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वर्तमान मे स्कूली छात्राएं लगातार छेड़खानी का शिकार हो रही हैँ इसके मद्देनज़र मिस्टर छ.ग. बॉडी बिल्डर राजेश नायक, विजेंद्र गुड्डू एवं कु.सीमा यादव, कु.मनीषा निषाद की टीम नारी के सम्मान मे मैदान मे उतर गई है। अर्थात विजेंद्र गुड्डू के नेतृत्व ही स्कूल स्कूल जाकर छात्राओं को निःशुल्क मार्शल आर्ट ट्रैनिंग दे रही है और बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सीखा रही है। इसी तारतम्य मे उन्होंने विगत दिनों फर्सवानी और कटेली हाई स्कूल में परीक्षण आयोजित किया और बालक बालिकाओं को उन पर हुए अचानक हमलों से बचने के टिप्स भी दिए।

वर्षो से बालिका सुरक्षा हेतु दे रहे निःशुल्क प्रशिक्षण –

मिस्टर छत्तीसगढ़ राजेश नायक के मार्गदर्शन और विजेंद्र गुड्डू के नेतृत्व में इनकी टीम द्वारा इस प्रकार से प्रशिक्षण पहली बार नही है, बल्कि वर्षो से देते आ रहे हैँ वो भी निःशुल्क। राजेश नायक और विजेंद्र गुड्ड का कहना है कि आज के युग में नारी को अपनी रक्षा स्वयं करनी होगी, इसके लिए प्रत्येक बालिका को आत्मरक्षा के गुर सीखने अनिवार्य है। बेटी बचेगी तभी तो बेटी पढ़ेगी और बेटी पढ़ेगी तभी तो भविष्य गढ़ेगी।

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