डीएम की पहल जोन ऑफ़ एक्सीलेंस से साकार होगा जीवन रक्षा का संकल्प

अफजल अली लखीमपुर खीरी जिला ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट
डीएम-एसपी ने की हाई लेवल मीटिंग। एनसीसी-एनएसएस के स्टूडेंट को जागरूकता दूत बनाने की तैयारी
लखीमपुर खीरी। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाएं जाने, यातायात नियमों के प्रति आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल की पहल पर कलेक्ट्रेट की 10 किमी परिधि में “जोन ऑफ एक्सीलेंस” बनाने का खाका खींचा गया। गुरुवार की देर शाम डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, एसपी संकल्प शर्मा ने सड़क सुरक्षा से जुड़े अफसरो संग बैठक की, इसमें विभागों के उत्तरदायित्व निर्धारित करने और इसे जमीन पर उतारने की पूरी रूपरेखा, रणनीति तय हुई। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि बच्चे रोड सेफ्टी कार्यक्रम की नींव है।

जोन ऑफ़ एक्सीलेंस के तहत बच्चे कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत पुलिस के सहयोगी बनने जा रहे हैं। पुलिस बनने के सपने को संजोए इन सभी स्वयंसेवी बच्चों को अग्रिम भविष्य की उज्जवल शुभकामनाएं। गोल्डन आवर में घायल व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई जा सकती है। सभी चिकित्सालय इमरजेंसी केयर को प्राथमिकता दें। ब्रेन इंजरी हुई तो जान बचाना मुश्किल होता है इसलिए प्रोटेक्शन के लिए हेलमेट का इस्तेमाल जरूरी है। एसपी संकल्प शर्मा ने अपने निजी जीवन को याद करते हुए बताया कि उनकी मां ने बिना हेलमेट उन्हें कभी भी घर से बाहर निकलने नहीं दिया। उन्होंने सभी संबंधित विभागों से जोन ऑफ़ एक्सीलेंस में पड़ने वाले सड़क मार्गों पर अतिक्रमण हटाने, ओवर स्पीड पर अंकुश लगाने, हेलमेट ड्राइविंग, ड्रिंक एंड ड्राइव की चेकिंग जैसे महत्वपूर्ण विषय पर अपने महत्वपूर्ण और सारगर्भित विचार व्यक्त किए। डीएम ने जोन ऑफ़ एक्सीलेंस के भीतर सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित विभागों को निर्धारित टाइमलाइन के अनुसार सभी जरूरी कदम उठाए जाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने सड़क मार्गों पर स्पीड (गति) कम करने हेतु रिपीटेड बार का निर्माण, ज़ेबरा क्रॉसिंग, एनएच पर मिलने वाले गांव के लिंक मार्ग पर स्पीड ब्रेकर का निर्माण, सड़कों पर सुधारात्मक कार्य कराए जाने को कहा।
सीडीओ अभिषेक कुमार ने कहा कि जिले में डीएम की पहल सड़क दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मृत्यु दर को शून्य करने में मील का पत्थर साबित होगा। इसके लिए जन जागरूकता एवं जन सहभागिता पर भी अपने विचार व्यक्त किए। बैठक की शुरुआत में अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी अनिल कुमार यादव ने जोन ऑफ़ एक्सीलेंस के भीतर आने वाले मार्गो पर गत वर्षो में घटित दुर्घटनाओं के डाटा, उनके कारणों को रेखांकित किया। जोन में दुर्घटना बाहुल्य एरिया में संकेतक, रोड इंजीनियरिंग और ट्रैफिक रूल्स के प्रति जागरूकता फैलाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन मंथन हुआ। प्रेजेंटेशन के माध्यम से विगत तीन वर्षों के अकड़ो का विश्लेषण एवं उनके आधार पर जोन ऑफ़ एक्सीलेंस को नो फैटेलिटी जोन बनाने की प्लानिंग एवं स्ट्रेटेजी प्रस्तुत की गई. मोर्थ की चार ई गाइडलाइन के अनुसार समस्त स्टेक होल्डर्स द्वारा अपेक्षित कार्यवाही की भी प्रेजेंटेशन द्वारा जानकारी दी गई.
सीएमओ ने बताई इमरजेंसी ट्रामा केयर की रुपरेखा, निजी चिकित्सक भी बनेंगे मददगार
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संतोष गुप्ता ने जोन ऑफ़ एक्सीलेंस निर्धारित सीमा के भीतर इमरजेंसी ट्रामा केयर को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अपनी रुपरेखा बताई। वही निजी क्षेत्र के चिकित्सक डॉ आरआर मिश्रा, डॉ अनिल वर्मा समेत उपस्थित अन्य चिकित्सकों ने इमरजेंसी ट्रामा केयर को सुनिश्चित करने में अपना हर संभव सहयोग देने की बात कही।

एक सप्ताह में NCC-NSS के इच्छुक बच्चों को करे चयन, ट्रेनिंग देकर बनाएं ट्रैफिक दूत
जोन ऑफ़ एक्सीलेंस : सजग प्रहरी बनकर ट्रैफिक रूल्स के प्रति जागरूक करेंगे एनसीसी-एनएसएस के स्टूडेंट
जोन ऑफ़ एक्सीलेंस में एनसीसी-एनएसएस के स्टूडेंट सजग प्रहरी बनकर ट्रैफिक रूल्स के प्रति जागरूक करेंगे। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने डीआईओएस डॉ महेन्द्र प्रताप सिंह को निर्देशित किया कि सात दिन के भीतर एनएसएस, एनसीसी के इच्छुक बच्चों को चयनित करते हुए ट्रेनिंग दे और ट्रैफिक दूत बनाए, जो समाज के सजग प्रहरी बनकर ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन संग जनमानस को ट्रैफिक रूल्स पालन करने हेतु जागरूक करेंगे। बैठक में एआरटीओ अखिलेश कुमार द्विवेदी, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग तरुणेन्द्र त्रिपाठी, केके झा, अनिल कुमार यादव, शुभ नारायण सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता, माध्यमिक, बेसिक शिक्षा, रोडवेज सहित सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न विभाग, निजी चिकित्सक, बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे मौजूद रहे।