नवीन न्याय कानून लागू वरिष्ट अधिकारियो ने दी शासकीय नियमो,कानूनों और कार्यों की विस्तृत जानकारी।

सारंगढ़ जिले के कलेक्टर,एसपी, सहित अधिकारी कार्यक्रम में सामिल हुए। तीन नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को एक जुलाई 2024 से लागू करने की तैयारी पूरी हो गई है। हर स्तर पर प्रशिक्षण का सिलसिला तेजी से चल रहा है। एफआईआर दर्ज करने सहित नए आपराधिक कानूनों के साथ प्रौद्योगिकी अनुकूलता को सुगम बनाने के लिए मौजूदा सीसीटीएनएस एप्लीकेशन में 23 फंक्शनल संशोधन किए गए हैं। नई प्रणाली में निर्बाध ट्रांजिशन के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की निरंतर समीक्षा और सहायता के लिए टीमें और कॉल सेंटर बनाए गए हैं। ऐसे एप्लीकेशन बनाए गए हैं जो सुरक्षित क्लाउड स्टोरेज सपोर्टेड हैं और इसमें अपराध स्थल की वीडियोग्राफी और इनमें फॉरेंसिक साक्ष्य एकत्र करने का प्रावधान शामिल होगा। आपराधिक कानूनों का एनसीआरबी संकलन नामक मोबाइल ऐप वेब एप्लीकेशन लॉन्च किया गया था, वर्तमान में इसके लगभग 1.2 लाख यूजर्स हैं।नए आपराधिक कानूनों के तहत अपराध स्थलों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी, न्यायिक सुनवाई और इलेक्ट्रॉनिक रूप से अदालती समन भेजने को सुगम बनाने के लिए ई-साक्ष्य, न्यायश्रुति और ई-समन ऐप विकसित किए जा चुके हैं।अगला ई-साक्ष्य ऐप अपराध स्थलों की वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी और साथ है लेख दस्तावेजों की ऑनबोर्डिंग यानी ऐप पर दस्तावेजों को डालने की प्रक्रि को सुगम बनाता है। इसे सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस विभाग के साथ साझा किया गया है। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस ऐप को परखा है।इन तीन नए कानूनों में ऑनलाइन पुलिस शिकायत दर्ज होना, पेशी के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से समन भेजना, सभी जघन्य अपराधों के स्थानों की अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी कराना एवं ‘जीरो’ प्राथमिकी दर्ज करना जैसी प्रमुख विशेषताएं हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय इन तीन नए अपराध कानूनों को लागू करने के लिए कमर कस चुका है। इन कानूनों के संबंध में पुलिस, जेल, फॉरेंसिक, न्यायिक और अभियोजन अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।