Advertisement Carousel
देश

Pakistan सीमा के पास गूंजे टैंक और तोपें, भारत का ‘मेगा वॉर ड्रिल’ शुरू — जानें क्या है इसकी तैयारी

Ad

नई दिल्ली 
देश की पश्चिमी सीमाओं के पास तीनों सेनाओं का एक बड़ा संयुक्त अभ्यास शुरू हो चुका है — नाम है ऑपरेशन त्रिशूल। यह अभ्यास 10 नवंबर तक चलेगा और इसमें सेना, नौसेना व वायुसेना की सामूहिक युद्धक क्षमताओं का परखा जाएगा। पिछले कुछ समय में संपन्न ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला मौका है जब भारत ने किसी सामरिक चुनौती के परिदृश्य में हर संभव युद्धक्षेत्र पर अपनी ताकत आजमाने के लिए इतनी व्यापक स्तर पर अभ्यास किया है।

Advertisements

राजस्थान व गुजरात के सीमाई इलाकों में चल रहे इस अभ्यास को न केवल प्रशिक्षण का कार्यक्रम माना जा रहा है, बल्कि सीमा सुरक्षा के प्रति निर्णायक संदेश भी बताया जा रहा है – कि यदि कोई विरोधी फिर किसी प्रकार की हिमाकत करता है तो उसका जवाब सीमा पर ही नहीं, बल्कि आवश्यकतानुसार सीमा पार तक भी दिया जा सकता है।

Advertisements

किस-किस ने हिस्सेदारी ली है
त्रिशूल अभ्यास में तीनों सेनाओं के कुल मिलाकर 25,000 से अधिक जवान तैनात हैं। वायुसेना के राफेल व सुखोई जैसे अग्रिम लड़ाकू विमानों के अलावा ब्रह्मोस व आकाश मिसाइल प्रणालियां – जो पहले ऑपरेशन सिंदूर में अपना प्रदर्शन दे चुकी हैं – भी शामिल हैं। इसके साथ ही युद्धक टैंकों, इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स, लड़ाकू हेलिकॉप्टरों, लंबी दूरी मार करने वाली आर्टिलरी प्रणालियों, ड्रोन और नौसेना के युद्धपोत भी अभ्यास का हिस्सा हैं।

मल्टी-डोमेन वॉरफेयर – आधुनिक युद्ध की तैयारी
त्रिशूल का एक मुख्य उद्देश्य है मल्टी-डोमेन ऑपरेशन का अभ्यास – यानी जमीन, समुद्र और हवा के अलावा साइबर, इलेक्ट्रॉनिक स्पेस और अन्य नए क्षेत्र शामिल कर के इन सभी मोर्चों पर समन्वित कार्रवाई का परिक्षण। आधुनिक युद्ध अब केवल पारंपरिक युद्धभूमि तक सीमित नहीं रहा; अंतरिक्ष व साइबर स्पेस जैसी चुनौतियों को भी एक साथ संभालने की क्षमता विकसित करना इस अभ्यास का अहम हिस्सा है।
 
कच्छ क्षेत्र पर विशेष नजर
अभ्यास का एक विशेष फोकस गुजरात के कच्छ क्षेत्र पर रखा गया है। यह इलाका रणनीतिक रूप से संवेदनशील माना जाता है और हाल ही में रक्षा मंत्रियों की चेतावनियों के बीच इसका महत्व और बढ़ गया है। रक्षा मंत्री ने स्पष्ट कर दिया था कि यदि पाकिस्तान ने सर क्रीक इलाके में कोई दुस्साहस किया तो उसके जवाब में निर्णायक कार्रवाई की जाएगी – इस संदर्भ में कच्छ का क्षेत्र खास रणनीतिक महत्व रखता है, क्योंकि कराची तक पहुँचने वाले मार्ग से भी यह जुड़ा हुआ है।

Ad जय मेडिकल स्टोर स्थान: भारत माता चौक बिलासपुर रोड सारंगढ़
First Chhattisgarh News Ad

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button