
गरियाबंद से विपिन कुमार सोनवानी जिला ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट
खड़का नाला में अभी भी पिचिंग कार्य अधूरा लेकिन राशि पुरी जारी…
देवभोग न्यूज… देवभोग अनुभाग अंतर्गत हो रहें लोक निर्माण विभाग के कार्य इन दिनों सुर्खियों में है। निर्माण हो रहें कार्य भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ रहा है फलस्वरूप उच्च अधिकारीयों के द्वारा जांच करना तो दूर कि बात है कार्य कि गुणवत्ता को लेकर कोई पूछ परख नहीं लिहाजा यहां के अधिकारी मनमानी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहें है। विभाग के ई जिले में रहकर कुर्सी तोड़ने का काम कर रहें है।
दो वर्ष पहले लोक निर्माण विभाग के द्वारा खड़का नाला में दो करोड़ से ज्यादा कि राशि से पुल का निर्माण हुआ है लेकिन ठेकेदार और विभाग के द्वारा तगड़ी सेटिंग के चलते अभी भी पिचिंग का कार्य अधूरा है और ठेकेदार को विभाग के द्वारा पूरी राशि आहरण कर डाली अब स्थानीय जन प्रतिनिधि को जब इसकी जानकारी मिली तो जांच का मामला सामने आ रहा है। बनने से पहले ही यह अक्सर विवादों में रहा
बता दें पुल निर्माण के बाद दोनों तरफ पिचिंग का कार्य होना था लेकिन ठेकेदार के द्वारा एक ही साइड में पिचिंग के नाम पर लीपापोती करते हुए रफूचक्कर हो गया ।
पहली बारिश से ही मिट्टी धसकने लगी है।.. आलम यह है कि पिचिंग का कार्य एक साइड नहीं होने के चलते पहली बारिश में ही मिट्टी धसकने लगी है और यह बरसात के दिनों में पूरी तरह से मिट्टी धसक जायेगी जिसके चलते राहगीरों के आवागमन में दुर्घटना कि आशंका बना रहेगा।
दस से पंद्रह गांव के लोग इस पुल से रोज गुजरते है और बरसात के दिनों में मिट्टी धसकने से बड़ी दुर्घटना होने कि आशंका बनी रहेगी इसी को देखते हुए ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधीयों को अवगत कराया है।
अभी भी पिचिंग कार्य अधूरा लेकिन ठेकेदार को पूरी राशि आहरण करने के बाद अब विभाग के अधिकारी भी सवालों के घेरे में आ गए है।
इस सम्बंध में बिन्द्रानवागढ़ विधायक जनक ध्रुव ने कहां कि लोक निर्माण विभाग कि इस तरह भ्रष्टाचार कर आम बात नहीं है ग्रामीणों के द्वारा मुझे अवगत कराया गया है जल्द ही विभाग के उच्च अधिकारी से जानकारी लेकर लोक निर्माण विभाग के मंत्री के पास इसकी शिकायत करता हूं
विधायक जनक ध्रुव बिन्द्रानवागढ़
इस सम्बंध में लोक निर्माण विभाग के ई रामेश्वर सिंह से जानकारी ली तो उनका कहना है कि मेरे संज्ञान में नहीं है में जांच करता हूं इसके बाद ही कुछ बता पाऊंगा।
लोक निर्माण विभाग ई रामेश्वर सिंह।
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