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नवीन कानून लागू होने के पश्चात दोष मुक्ति प्रकरणों के संबंध में रेंज स्तरीय प्रथम समीक्षा बैठक

नवीन कानून लागू होने के पश्चात दोष मुक्ति प्रकरणों के संबंध में रेंज स्तरीय प्रथम समीक्षा बैठक

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रेंज के सभी जिलों के लगभग 749 प्रकरणों की विस्तृत समीक्षा कर प्रकरणों का किया गया निकाल………..

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समस्त पुलिस अधीक्षक एवं लोक अभियोजन अधिकारी रहे उपस्थित…………

शैलेंद्र कुमार सरगुजा संभाग ब्यूरो चीफ
पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज अंकित गर्ग द्वारा 1 जुलाई 2024 से लागू नवीन कानून लागू होने के पश्चात ही पुलिस मुख्यालय द्वारा विभिन्न प्रशिक्षण आयोजित कर रेंज स्तर एवं जिला स्तर पर नवीन कानून के अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य संहिता में परिवर्तित धाराओं एवं उनमें लागू होने वाले प्रक्रियाओं के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। इसी तारतम्य में दोष मुक्ति प्रकरणों के संबंध में रेंज स्तरीय प्रथम समीक्षा बैठक आज दिनांक 19.07.2024 को जिला जशपुर में आयोजित की गई। उक्त समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से नवीन कानून के तहत ऐसे मामलों पर विशेष चर्चा हुई जिसमें न्यायालय द्वारा अधिकांश प्रकरणों में आरोपियों के दोष मुक्ति होने के कारणों के संबंध में विस्तृत समीक्षा की गई।

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समीक्षा बैठक में आईजी गर्ग द्वारा नवीन कानून का विस्तृत वर्णन करते हुए बोले कि किसी भी गंभीर प्रकरणों में विवेचकों द्वारा विवेचना में किए जाने वाले त्रुटियों को दूर करने हेतु भौतिक साक्ष्यों को फोटो ग्राफी, विडियो ग्राफी कर साक्ष्यों को सावधानी से एकत्र करने हेतु एवं अभियोजन अधिकारियों को सुझाव दिए। होस्टाईल हो रहे प्रार्थी एवं गवाहों को उनके द्वारा दिये गए अभिमत/कथन पर कायम रहने हेतु विवेचकों को प्रकरण के प्रार्थियों के साथ निरंतर सम्पर्क में रहने हेतु निर्देशित किये। जिससे की प्रकरण के प्रार्थी एवं गवाह अपने कथन को न्यायालय में निर्भीक एवं स्वतंत्र रूप से कथन दे सके जिसके फलस्वरूप आरोपी न्यायालय से विचारणों उपरांत दोष सिद्ध हो सके एवं अपराधी द्वारा उसके किए गए अपराधों के एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर समुचित सजा मिल सके।

महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित गंभीर प्रकरणों जैसे बलात्कार एवं पास्को एक्ट के मामलो में एफआईआर के पश्चात नवीन कानून के तहत 60 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से चालान पेश करने के संबंध में जानकारी देते हुए बोले कि प्रार्थी/पीड़िता जिनका न्यालयाय में 183 बीएनएसएस के अंर्तगत कथन लिया गया है, वो अगर न्यालयाल में ट्रायल के दौरान होस्टटाईल होते हैं तो उनके विरुद्ध धारा 307 बीएनएसएस के अंतर्गत कार्यवाही हेतु लोक अभियोजक के माध्यम से माननीय न्यायलय में आवेदन प्रस्तुत करने के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई साथ ही एनडीपीएस एक्ट/आबकारी एक्ट एवं सड़क दुर्घटनाओं के प्रकरणों में हो रहे दोषमुक्ति के कारणों की सामीक्षा कर विवेचना में आवश्यक सुधार हेतु कार्यशाला आयोजन करने का सुझाव दिए।समीक्षा बैठक के दौरान उमनि /वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सूरजपुर एम. आर.आहिरे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बलरामपुर डॉ. लाल उमेद सिंह, पुलिस अधीक्षक सरगुजा योगेश पटेल, पुलिस अधीक्षक कोरिया सूरज सिंह परिहार, पुलिस अधीक्षक एमसीबी चंद्र मोहन सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जशपुर अनील सोनी, उप पुलिस अधीक्षक एम.आर. कश्यप, एसडीओपी पत्थलगांव डॉ. ध्रुवेश जायसवाल एवं समस्त जिला अभियोजन अधिकारी एवं आईजी रीडर सुभाष ठाकुर मौजूद रहे।

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