जांजगीर भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यालय सहित पुरे जिले मे बनाया पार्टी का स्थापना दिवस

जांजगीर चांपा से दीपक यादव की रिपोर्ट
कार्यक्रम की शुरुआत श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजयपेयी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया
देशभर में भारतीय जनता पार्टी आज अपना स्थापना दिवस मना रही है. भाजपा का यह 46वां स्थापना दिवस है. बीजेपी नेतागण इसके बाद जिला कार्यालय परिसर में पहुंचे और भारत माता के तैलचित्र पर माल्यार्पण किया इस मौके पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने श्यामप्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के सम्मान में नारे लगाए. सभी नेताओं ने प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया
नवनियुक्त अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम ( कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त) का भाजपा कार्यकर्ताओ ने किया भव्य स्वागत निगम अध्यक्ष बनने के पश्चात पहली बार जांजगीर पहुंचे नवनियुक्त अध्यक्ष सौरभ सिंह का पार्टी कार्यकर्ताओ ने अपने नेता का भव्य स्वागत किया जैसे ही नवनियुक्त अध्यक्ष सौरभ सिंह का काफिला पार्टी कार्यालय जांजगीर पहुंचा उपस्थित कार्यकर्ताओ ने उनका स्वागत फटाके फोड़कर फूल माला पहनाकर मिठाई बांटकर जय श्रीराम के नारो के साथ भारतीय जनता पार्टी जिन्दाबाद के नारे लगाए
पार्टी स्थापना दिवस के साथ रामनवमी का शुभ संयोग- सौरभ सिंह
जांजगीर भाजपा कार्यालय पहुंचे नवनियुक्त राज्य खनिज विकास निगम अध्यक्ष सौरभ सिंह ने उपस्थित कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए कहा कि आज के दिन भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ और आज के दिन को हम पुरे देश मे स्थापना दिवस के रूप मे मनाते है उन्होंने कहा कि आज शुभ संयोग है कि आज हमारे पार्टी के स्थापना के दिन राम जी का भी जन्मदिवस का दिन है
*पार्टी का हर कार्यकर्ता राष्ट्र को सबसे ऊपर मानता है*- *सौरभ सिंह-* उन्होेंने कहा कि भाजपा का हर कार्यकर्ता राष्ट्र को सर्वोपरि मानता है। भारत माता का नाम रोशन करना और देश को सर्वोच्च शिखर पर पहुंचाना ही हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बने। इस लक्ष्य को पूरा करने में हर कार्यकर्ता जुटा है।
उन्होंने कहा कि यह चुनावी वर्ष है। भाजपा और एनडीए ने बिहार में 200 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए सभी कार्यकर्ता मेहनत कर रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने रामनवमी और स्थापना दिवस पर सभी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं दीं
भारतीय जनता पार्टी विश्व की एकमात्र विचारधारा वाली पार्टी- अंबेश जांगड़े
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सिद्धांतों और आदर्शों पर आधारित राजनीतिक दल है। यह किसी परिवार, जाति या वर्ग विशेष की पार्टी नहीं है। *भाजपा कार्यकर्ताओं को जोड़ने वाला सूत्र है*- भारत के सांस्कृतिक मूल्य, हमारी निष्ठाएं और भारत के परम वैभव को प्राप्त करने का संकल्प; और साथ ही यह आत्मविश्वास कि अपने पुरुषार्थ से हम इन्हें प्राप्त करेंगे।
भाजपा की विचारधारा को एक पंक्ति में कहना हो तो वह है ‘भारत माता की जय’। भारत का अर्थ है ‘अपना देश’। देश जो हिमालय से कन्याकुमारी तक फैला है और जिसे प्रकृति ने एक अखंड भूभाग के रूप में हमें दिया है। यह हमारी माता है और हम सभी भारतवासी उसकी संतान हैं। एक मां की संतान होने के नाते सभी भारतवासी सहोदर यानि भाई-बहन हैं। भारत माता कहने से एक भूमि और एक जन के साथ हमारी एक संस्कृति का भी ध्यान बना रहता है। इस माता की जय में हमारा संकल्प घोषित होता है और परम वैभव में है मां की सभी संतानों का सुख और अपनी संस्कृति के आधार पर विश्व में शांति व सौख्य की स्थापना। यही है ‘भारत माता की जय’।
भाजपा के संविधान की धारा 3 के अनुसार एकात्म मानववाद हमारा मूल दर्शन है। यह दर्शन हमें मनुष्य के शरीर, मन, बृद्धि और आत्मा का एकात्म यानि समग्र विचार करना सिखाता है। यह दर्शन मनुष्य और समाज के बीच कोई संघर्ष नहीं देखता, बल्कि मनुष्य के स्वाभाविक विकास-क्रम और उसकी चेतना के विस्तार से परिवार, गाँव, राज्य, देश और सृष्टि तक उसकी पूर्णता देखता है। यह दर्शन प्रकृति और मनुष्य में मां का संबंध देखता है, जिसमें प्रकृति को स्वस्थ बनाए रखते हुए अपनी आवश्यकता की चीज़ों का दोहन किया जाता है।
हमारा दर्शन एकात्म मानववाद- नारायण चंदेल
भाजपा का इतिहास एवं विकास
भारतीय जनता पार्टी एक राष्ट्रवादी राजनीतिक दल है जो भारत को एक सुदृढ़, समृद्ध एवं शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में विश्व पटल पर स्थापित करने के लिए कृतसंकल्प है। भारत को एक समर्थ राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के साथ भाजपा का गठन 6 अप्रैल, 1980 को मुम्बई के समता नगर में आयोजित एक कार्यकर्ता अधिवेशन में किया गया, जिसके प्रथम अध्यक्ष श्री अटल बिहारी वाजपेयी निर्वाचित हुए। अपनी स्थापना के साथ ही भाजपा ने अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं लोकहित के विषयों पर मुखर रहते हुए भारतीय लोकतंत्र में अपनी सशक्त भागीदारी दर्ज की तथा भारतीय राजनीति को नए आयाम दिए। कांग्रेस की एकाधिकार वाली एक-दलीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था के रूप में जानी जाने वाली भारतीय राजनीति को भारतीय जनता पार्टी ने दो ध्रुवीय बनाकर एक गठबंधन-युग के सूत्रपात में अग्रणी भूमिका निभाई है। देश में विकास आधारित राजनीति की नींव भी भाजपा ने विभिन्न राज्यों में सत्ता में आने के बाद तथा पूरे देश में भाजपा नीत राजग शासन के दौरान रखी। आज तीन दशक बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसी एक पार्टी को देश की जनता ने पूर्ण बहुमत दिया है तथा भारी बहुमत से भाजपा नीत राजग सरकार केन्द्र में विद्यमान है।
पृष्ठभूमि
हालांकि भारतीय जनता पार्टी का गठन 6 अप्रैल, 1980 को हुआ, परन्तु इसका इतिहास भारतीय जनसंघ से जुड़ा हुआ है। स्वतंत्रता प्राप्ति तथा देश विभाजन के साथ ही देश में एक नई राजनीतिक परिस्थिति उत्पन्न हुई। गांधीजी की हत्या के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगाकर देश में एक नया राजनीतिक षड्यंत्र रचा जाने लगा। सरदार पटेल के देहावसान के पश्चात् कांग्रेस में नेहरू का अधिनायकवाद प्रबल होने लगा। गांधी और पटेल दोनों के ही नहीं रहने के कारण कांग्रेस ‘नेहरूवाद’ की चपेट में आ गई तथा अल्पसंख्यक तुष्टिकरण, लाइसेंस-परमिट-कोटा राज, राष्ट्रीय सुरक्षा पर लापरवाही, राष्ट्रीय मसलों जैसे कश्मीर आदि पर घुटनाटेक नीति, अंतर्राष्ट्रीय मामलों में भारतीय हितों की अनदेखी आदि अनेक विषय देश में राष्ट्रवादी नागरिकों को उद्विग्न करने लगे। ‘नेहरूवाद’ तथा पाकिस्तान एवं बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर भारत के चुप रहने से क्षुब्ध होकर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेहरु मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया। इधर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ स्वयंसेवकों ने भी प्रतिबंध के दंश को झेलते हुए महसूस किया कि संघ के राजनीतिक क्षेत्र से सिद्धांततः दूरी बनाये रखने के कारण वे अलग-थलग तो पड़े ही, साथ ही संघ को राजनीतिक तौर पर निशाना बनाया जा रहा था। ऐसी परिस्थिति में एक राष्ट्रवादी राजनीतिक दल की आवश्यकता देश में महसूस की जाने लगी। फलतः भारतीय जनसंघ की स्थापना 21 अक्टूबर, 1951 को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की अध्यक्षता में दिल्ली के राघोमल आर्य कन्या उच्च विद्यालय में हुई।
भारतीय जनसंघ ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में कश्मीर एवं राष्ट्रीय अखंडता के मुद्दे पर आंदोलन छेड़ा तथा कश्मीर को किसी भी प्रकार का विशेषाधिकार देने का विरोध किया। नेहरू के अधिनायकवादी रवैये के फलस्वरूप डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को कश्मीर की जेल में डाल दिया गया, जहां उनकी रहस्यपूर्ण स्थिति में मृत्यु हो गई। एक नई पार्टी को सशक्त बनाने का कार्य पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के कंधों पर आ गया। भारत-चीन युद्ध में भी भारतीय जनसंघ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा राष्ट्रीय सुरक्षा पर नेहरू की नीतियों का डटकर विरोध किया। 1967 में पहली बार भारतीय जनसंघ एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नेतृत्व में भारतीय राजनीति पर लम्बे समय से बरकरार कांग्रेस का एकाधिकार टूटा, जिससे कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की पराजय हुई।
भाजपा का इतिहास एवं विकास
भारतीय जनता पार्टी एक राष्ट्रवादी राजनीतिक दल है जो भारत को एक सुदृढ़, समृद्ध एवं शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में विश्व पटल पर स्थापित करने के लिए कृतसंकल्प है। भारत को एक समर्थ राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के साथ भाजपा का गठन 6 अप्रैल, 1980 को नई दिल्ली के कोटला मैदान में आयोजित एक कार्यकर्ता अधिवेशन में किया गया, जिसके प्रथम अध्यक्ष श्री अटल बिहारी वाजपेयी निर्वाचित हुए। अपनी स्थापना के साथ ही भाजपा ने अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं लोकहित के विषयों पर मुखर रहते हुए भारतीय लोकतंत्र में अपनी सशक्त भागीदारी दर्ज की तथा भारतीय राजनीति को नए आयाम दिए। कांग्रेस की एकाधिकार वाली एक-दलीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था के रूप में जानी जाने वाली भारतीय राजनीति को भारतीय जनता पार्टी ने दो ध्रुवीय बनाकर एक गठबंधन-युग के सूत्रपात में अग्रणी भूमिका निभाई है। देश में विकास आधारित राजनीति की नींव भी भाजपा ने विभिन्न राज्यों में सत्ता में आने के बाद तथा पूरे देश में भाजपा नीत राजग शासन के दौरान रखी। आज तीन दशक बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसी एक पार्टी को देश की जनता ने पूर्ण बहुमत दिया है तथा भारी बहुमत से भाजपा नीत राजग सरकार केन्द्र में विद्यमान है
भारतीय जनसंघ का जनता पार्टी में विलय
श्री चंदेल ने बताया कि सत्तर के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के नेतृत्व में निरंकुश होती जा रही कांग्रेस सरकार के विरूद्ध देश में जन-असंतोष उभरने लगा। गुजरात के नवनिर्माण आन्दोलन के साथ बिहार में छात्र आंदोलन शुरू हो गया। कांग्रेस ने इन आंदोलनों के दमन का रास्ता अपनाया। लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने आंदोलन का नेतृत्व स्वीकार किया तथा देशभर में कांग्रेस शासन के विरूद्ध जन-असंतोष मुखर हो उठा। १९७१ में देश पर भारत-पाक युद्ध तथा बांग्लादेश में विद्रोह के परिप्रेक्ष्य में बाह्य आपातकाल लगाया गया था जो युद्ध समाप्ति के बाद भी लागू था। उसे हटाने की भी मांग तीव्र होने लगी। जनान्दोलनों से घबराकर इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार ने जनता की आवाज को दमनचक्र से कुचलने का प्रयास किया। परिणामत: 25 जून, 1975 को देश पर दूसरी बार आपातकाल भारतीय संविधान की धारा 352 के अंतर्गत ‘आंतरिक आपातकाल’ के रूप में थोप दिया गया। देश के सभी बड़े नेता या तो नजरबंद कर दिये गए अथवा जेलों में डाल दिए गये। समाचार पत्रों पर ‘सेंसर’ लगा दिया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित अनेक राष्ट्रवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हजारों कार्यकर्ताओं को ‘मीसा’ के तहत गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। देश में लोकतंत्र पर खतरा मंडराने लगा। जनसंघर्ष को तेज किया जाने लगा और भूमिगत गतिविधियां भी तेज हो गयीं। तेज होते जनान्दोलनों से घबराकर इंदिरा गांधी ने 18 जनवरी, 1977 को लोकसभा भंग कर दी तथा नये जनादेश प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की। जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर एक नये राष्ट्रीय दल ‘जनता पार्टी’ का गठन किया गया। विपक्षी दल एक मंच से चुनाव लड़े तथा चुनाव में कम समय होने के कारण ‘जनता पार्टी’ का गठन पूरी तरह से राजनीतिक दल के रूप में नहीं हो पाया। आम चुनावों में कांग्रेस की करारी हार हुई तथा ‘जनता पार्टी’ एवं अन्य विपक्षी पार्टियां भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई। पूर्व घोषणा के अनुसार 1 मई, 1977 को भारतीय जनसंघ ने करीब 5000 प्रतिनिधियों के एक अधिवेशन में अपना विलय जनता पार्टी में कर दिया और फिर बाद मे जनता पार्टी से अलग होकर आज के दिन 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ
#BJP4ViksitBhart हैशटैग: बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी का झंडा अपने अपने घरों पर फहराकर उसके साथ अपनी सेल्फी भी ली है. इस सेल्फी को कार्यकर्ताओं ने #B*JP4ViksitBhart हैशटैग लगाकर अपने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट भी किया है.
सक्रिय सदस्यों का सम्मेलन: पार्टी की ओर से 8 और 9 अप्रैल को सभी विधानसभाओं और मंडलों में सक्रिय सदस्यों का सम्मेलन आयोजित किया गया है. इन सम्मेलनों में सभी जगह 3 वक्ताओं द्वारा 3 अलग विषयों पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया जाएगा. जिसके मुख्य विषय होंगे ” भाजपा की चुनावी सफलता और संगठन विस्तार “, ” भारतीय राजनीति में भाजपा द्वारा लाया गया परिवर्तन और ” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 वर्ष के कार्यकाल में विकसित भारत की ओर भारत की यात्रा “. वही 13 अप्रैल से 25 अप्रैल बाबा साहेब की जयंती पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे