Advertisement Carousel
देश

मोदी सरकार का प्लान-B आया काम, ट्रंप टैरिफ का असर किया बेअसर—भारत ने ऐसे पलट दिया खेल

Ad

ट्रंप टैरिफ की हवा निकाल दी! मोदी सरकार के प्लान-B ने बचाई भारतीय अर्थव्यवस्था—जानें कैसे हुआ कमाल

Advertisements

India Plan-B on Tariff: ट्रंप की चाल हुई फेल, मोदी सरकार की रणनीति ने किया बड़ा असर

Advertisements

मोदी सरकार का प्लान-B आया काम, ट्रंप टैरिफ का असर किया बेअसर—भारत ने ऐसे पलट दिया खेल

 

नई दिल्ली

यह कहना कि अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव पूरी तरह असफल हो गया, थोड़ी जल्दबाजी होगी. लेकिन ये तो अब कहा ही जा सकता है कि भारत ने अमेरिकी टैरिफ का तोड़ निकाल लिया है. दूसरी तिमाही में जीडीपी के आंकड़े बता रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर ट्रंप की दबाव नीति काम नहीं आई. 

दरअसल, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 8.2% रही, जो कि उम्मीद से बढ़कर है. क्योंकि RBI ने 6 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया था. तमाम रेटिंग एजेंसियों ने भी 7.0-7.6 फीसदी के बीच जीडीपी ग्रोथ रहने का भरोसा जताया था, यानी हर पैमाने पर भारतीय अर्थव्यवस्था में बेहतर करती दिख रही है. खासकर मैन्युफैक्चरिंग में 9.1% और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 7.2% उछाल देखने को मिली है. सर्विस-सेक्टर का भी शानदार प्रदर्शन रहा है.

अमेरिका ने थोपा एकतरफा टैरिफ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की रणनीति अब फेल होती नजर आ रही है, ट्रंप ने भारत में एकतरफा 50 फीसदी टैरिफ थोप दिया, उन्हें लगा है कि टैरिफ के दबाव में भारत झुक जाएगा, और वो अपनी बातें मनवाने में कामयाब हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, और अब उसका परिणाम भी दिख रहा है कि ट्रंप की दबाव नीति की हवा निकल चुकी है. बड़ेबोले ट्रंप ने तो भारतीय अर्थव्यवस्था को 'डैड इकोनॉमी' तक करार दे दिया था. 

लेकिन हकीकत में भारतीय अर्थव्यवस्था को रोकने के लिए ट्रंप ने चाल चली थी, उसे सरकार ने अपने प्लान-बी से फ्लॉप कर दिया, और भारतीय अर्थव्यवस्था तेज गति से बढ़ती जा रही है. इसी कड़ी में दूसरी तिमाही में जीडीपी के आंकड़े ट्रंप की दबाव नीति को करारा जवाब है. कहा तो ये भी जा रहा है कि तीसरी तिमाही में और बेहतर जीडीपी के आंकड़े आ सकते हैं. 

क्या है भारत का प्लान-B

अब आइए जानते हैं कि आखिर भारत ने ऐसा क्या किया, जिससे ट्रंप टैरिफ बेअसर हो गया. दुनिया जानती है कि खपत के लिहाज भारत आज के दौर में सबसे बड़ा बाजार है, हर कोई इस बाजार में प्रवेश करना चाहता है. क्योंकि भारत में डिमांड बनी हुई है. यही देश की सबसे बड़ी ताकत है. 

दरअसल, बात बेनतीजा होने के बाद अमेरिका ने जिस तरह से भारत पर रूसी तेल खरीदने का बहाना बनाकर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया, उसी दिन से भारत ने अपना प्लान-B को जमीन पर उतारने के लिए काम करना शुरू कर दिया. टैरिफ के शुरुआत असर को कम करने के लिए भारत ने काफी हद तक घरेलू मांग, निवेश और नीतियों पर फोकस किया. इसी कड़ी में आयकर में छूट (12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं) की व्यवस्था लागू की गई. 

टैरिफ से विदेशी मांग थोड़ी मंद पड़ी, लेकिन इस बीच घरेलू खपत, निर्माण और सेवाएं तेज हो रही हों, जिससे GDP में कम असर दिखना स्वाभाविक है. टैरिफ को बेअसर करने के लिए सरकार ने खपत, कैपेक्स और रिफॉर्म पर जबरदस्त काम किया, जिसे आप Plan-B कह सकते हैं. 

एकसाथ उठाए गए कई कदम

सरकार की रणनीति दोतरफा रही, एक घरेलू मांग को बरकरार रखना और निवेश को प्रोत्साहित करना. अमेरिकी टैरिफ से निर्यात सेक्टर प्रभावित हुआ, जो अभी भी कुछ हद तक जूझ रहे हैं. लेकिन मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेस की ताकत से GDP मजबूत बनी हुई है. अमेरिकी टैरिफ का इकोनॉमी पर कम प्रभाव के लिए ब्याज दरों में कटौती, और जीडीपी दरों में बदलाव जैसे भी कदम उठाए गए, जिससे घरेलू डिमांड को ताकत मिली. 

बता दें, सितंबर महीने में भारत का कुल निर्यात 6.75% बढ़ा, जबकि अमेरिका को भेजे गए सामान में 11.9% की गिरावट दर्ज की गई. यह दर्शाता है कि भारत ने अमेरिका-व्यापार निर्भरता को कम कर दूसरे बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ा ली है. रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) की रिपोर्ट को मानें, तो अमेरिका द्वारा कुछ भारतीय प्रोडक्ट्स पर 50% तक के टैरिफ लगाने के बावजूद भारत अपना एक्सपोर्ट को बढ़ाने में सफल रहा है.  अमेरिकी विकल्प के तौर पर करीब 50 नए देशों से भारत की बातचीत चल रही है.

 

Ad जय मेडिकल स्टोर स्थान: भारत माता चौक बिलासपुर रोड सारंगढ़
First Chhattisgarh News Ad

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button