छत्तीसगढ़रायपुर

हिंदी भाषा एवं रचनात्मक लेखन पर कार्यशाला संपन्न

• हिंदी मात्र भाषा नहीं वरन पूरी संस्कृति है – डॉ.कर
• हिंदी समृद्ध, सशक्त एवं सरल भाषा है – डॉ.नवरंग
लक्ष्मी नारायण लहरे
रायपुर । धरसींवा शासकीय पंडित श्यामाचरण शुक्ल महाविद्यालय के सभागार में हिंदी विभाग , साहित्यिक समिति तथा संकेत साहित्य समिति के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी भाषा प्रबोधन सप्ताह के अंतिम दिन ‘हिंदी भाषा एवं रचनात्मक लेखन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रमुख वक्ता थे भाषाविद तथा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ . चितरंजन कर एवं सह वक्ता थे वरिष्ठ साहित्यकार एवं समीक्षक डॉ माणिक विश्वकर्मा’ नवरंग’। कार्यक्रम की शुरुआत में अपने स्वागत उद्बोधन के पश्चात हिंदी विभागाध्यक्ष कार्यक्रम संयोजक डॉ. सी.एल.साहू ने महाविद्यालय में दिनांक 13 सितम्बर से आरंभ हुए विभिन्न कार्यक्रमों यथा हिन्दी विषय में रोजगार की संभावनाएं ,हिंदी भाषा की उत्पत्ति – वक्ता राजस्थान विवि के सहायक आचार्य डॉ विशाल विक्रम सिंह ,हिंदी भाषा की उत्पत्ति ,विकास तथा वर्तमान परिदृश्य-वक्ता बलदाऊ राम साहू ,

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छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों, शोधार्थियों तथा प्राद्यापकों और स्कूल के शिक्षकों हेतु , ‘राज्य स्तरीय हिंदी भाषा सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता तथा महाविद्यालयों के नवोदित कवियों को प्रोत्साहित करने एक कविता हिंदी के नाम अभियान का ब्यौरा प्रस्तुत किया।अपने सारगर्भित उद्बोधन में विद्यालय की प्राचार्य डॉ. शबनूर सिद्दीकी ने हिंदी की महत्ता और उपयोगिता पर बात करते हुए  इस आयोजन के माध्यम से पूरे छत्तीसगढ़ के छात्र – छात्राओं , प्राद्यापकों एवं साहित्यकारों को जोड़ने तथा काव्य प्रतिभा को अवसर प्रदान किये जाने पर आयोजन समिति को बधाई दी। हिंदी भाषा व्याकरण पर बात करते हुए मुख्य वक्ता डॉ. चितरंजन कर ने कहा हिंदी मात्र भाषा नहीं संस्कृति है। सह वक्ता डॉ माणिक विश्वकर्मा’ ‘नवरंग’ ने हिन्दी भाषा प्रगति एवं वैश्विक फलक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी समृद्ध, सशक्त एवं सरल भाषा है। दोनों वक्ताओं ने हिंदी भाषा के प्रति छात्र- छात्राओं में जागरूकता हेतु हिंदी – विभाग द्वारा चलाये जा रहे इस अभियान की प्रशंसा करते हुए आयोजन समिति तथा महाविद्यालय को बधाई दी और भविष्य में भी अपना सहयोग देने का आश्वासन दिया। हिंदी विभाग में  भ्रमण के दौरान डॉ.कर ने विभाग को दस हजार की किताबें देने की घोषणा की। कार्यशाला के समापन पर
सामान्य ज्ञान प्रतियोगोता में महाविद्यालय से स्थान प्राप्त करने वाली प्राद्यापकों डॉ सुनीता दुबे तथा स्वाति शर्मा को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का कुशल संचालन हिंदी विभाग की अतिथि व्याख्याता डॉ. प्रीति पांडेय ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डॉ. सी. एल .साहू ने किया। इस अवसर पर विद्यालय साहित्य समिति से डॉ. सुषमा मिश्रा , प्रशांत रथ तथा महाविद्यालय परिवार के वरिष्ठ प्राध्यापक कौशल किशोर, अन्नपूर्णा बंजारे, हेतराम भोई , राकेश पॉल सहित बड़ी संख्या में छात्र – छात्राओं ने भागीदारी निभाई।

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