छत्तीसगढ़

शिक्षा में पिछड़ापन, शराब में अव्वल — छत्तीसगढ़ सरकार कांग्रेस का तीखा हमला

छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा 67 नई शराब दुकानों को खोलने की तैयारी ने राज्य की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस पार्टी ने इस कदम का तीखा विरोध करते हुए सरकार पर जनहित की उपेक्षा करने और सामाजिक मूल्यों को गिराने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस पार्टी के छात्र संगठन एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष परमेश्वर पात्रे ने तीखा बयान जारी करते हुए कहा, “एक ओर राज्य की शिक्षा व्यवस्था बदहाल है — स्कूलों में शिक्षकों की कमी, खराब आधारभूत ढांचा और गिरते परीक्षा परिणाम — वहीं सरकार शराब के कारोबार को बढ़ावा देने में जुटी है। क्या यही है ‘नया छत्तीसगढ़’ का विकास मॉडल?”

कांग्रेस का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार जनता की असल जरूरतों से ध्यान हटाकर राजस्व के नाम पर शराब को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने सवाल किया कि जब प्रदेश के गाँवों में प्राथमिक शिक्षा तक की व्यवस्था नहीं है, तब सरकार को शराब की दुकानें खोलने की इतनी जल्दी क्यों है।

पात्रे ने कहा, “छत्तीसगढ़ में सरकार की प्राथमिकता अब स्पष्ट है — शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को दरकिनार कर, समाज को शराब में डुबोने की योजना बनाई जा रही है। ये नीति युवाओं को बर्बादी की ओर धकेलने वाली है।”

कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने इस निर्णय को वापस नहीं लिया, तो वह राज्यव्यापी आंदोलन करेगी। पार्टी का कहना है कि जनता के हित में वे सड़क से सदन तक संघर्ष करेंगे।

इस मुद्दे पर जनमानस में भी नाराज़गी देखी जा रही है। कई सामाजिक संगठनों ने इस फैसले का विरोध करते हुए सरकार से नीति पर पुनर्विचार करने की माँग की है ।

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