छत्तीसगढ़बलरामपुर

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं ने चार सूत्रीय मांगों को लेकर राजपुर SDM कार्यालय में सौंपा ज्ञापन

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बलरामपुर से कृष्णनाथ टोप्पो की रिपोर्ट

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राजपुर। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओ की लंबित मांगों और मध्यप्रदेश के तर्ज पर छत्तीसगढ़ में कार्यकर्ता और सहायिका की मानदेय में बढ़ोतरी व अन्य सुविधाओं को लागू करने बावत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल व रैली पश्चात मुख्यमंत्री व महिला एवं बाल विकास मंत्री के नाम राजपुर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है।

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओ ने अपने चार सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर शुक्रवार को राजपुर मंडी प्रांगण में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने अपनी माँगो को लेकर नारे लगाते हुए कृषि मंडी प्रांगण से रैली निकालकर नगर के गाँधी चौक होते हुए एसडीएम कार्यालय पहुँचे जहाँ राजपुर तहसीलदार सालिक राम गुप्ता को मुख्यमंत्री व महिला एवं बाल विकास मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं द्वारा दिए ज्ञापन में कहा कि उन्हें मध्यप्रदेश के तर्ज पर छत्तीसगढ़ में कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मानदेय में बढ़ोतरी हो। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के द्वारा पिछले कई वर्षों से लंबित मांगों व विभागीय कार्यों में हो रही समस्याओं को लेकर ज्ञापन पत्रों, धरना प्रदर्शन, रैली, व अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से लगातार सरकार को अवगत कराया गया, कितु केन्द्र सरकार व राज्य सरकार कार्यकर्ताओं सहायिकाओ के प्रति मूकबाधिर बन कर सिर्फ काम में ही बढ़ोतरी कर रही है, सरकार हमारी समस्याओं पर कोई सार्थक विचार नहीं किया जो की कार्यकर्ता सहायिकाओ के लिए बहुत ही निराशाजनक है, जिससे कार्यकर्ता सहायिका को गंभीर आर्थिक, मानसिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले 7 मार्च 2025 को पूरे जिलों में जिलाधीशों के माध्यम से केंद्र व राज्य सरकार को ज्ञापन दिया जा चुका है, बावजूद इसके सरकार ने संघ के कार्यसमिति की अभी तक कोई बैठक नहीं रखी और न ही हमारी मांग पत्र पर कोई विचार किया। सभी श्रमिक वर्ग के लिए श्रम मंत्रालय द्वारा न्यूनतम वेतन पर विचार कर बढ़ोतरी की गई, परंतु कार्यकर्ता सहायिका के लिए निश्चित पारिश्रमिक मानदेय पर कोई विचार नहीं की गई जबकि पिछले लंबे समय से संघ की मांग है न्यूनतम वेतन सम्मान जनक मानदेय कार्यकर्ता सहायिका को दी जाए ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। पिछले कई वर्षों से न तो केन्द्र के बजट में, न राज्य के बजट में प्रावधान रखा गया है।

वर्तमान में सरकार ने ऑनलाइन काम तो दे दिया गया है लेकिन उसके लिए कोई प्रशिक्षण दिया नहीं जा रहा है, न ही अच्छी स्टोरेज की मोबाइल फोन दी जा रही है। आए दिन नए नए एप डाउनलोड कर उस पर कार्य करने की दिशा निर्देश अधिकारीयों के माध्यम से व्हाट्स ग्रुप में 12 बजे रात तक दिया जा रहा है। 6 घंटे के बजाय 10 से 12 घंटे कार्य कराया जा रहा है, नेटवर्क समस्या को कार्यकर्ता सहायिका के मानदेय कटौती से जोड़ा जा रहा है जो की बहुत ही दुखद विषय है। उन्होंने कहा है कि सरकार हमारी मांगों पर जल्द से जल्द विचार करे अन्यथा संगठन चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने पर बाध्य होगा।

२. एक दिवसीय धरना प्रदर्शन

इस दौरान संगठन के जिला अध्यक्ष प्रियंका मानिकपुरी जिला महामंत्री मीरा जायसवाल पुष्पा भगत पूनम गुप्ता देवंती गुप्ता मंजू टीका गीता महंत शकुंतला पटेल दीपशिखा एवं वर्षा ठाकुर सहित सभी सेक्टरों से सैकड़ो की संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका

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