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पत्‍तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने स्वच्छता को बढावा देने और लंबित मामलों में कमी करने संबंधी प्रमुख उपलब्धियों के साथ विशेष अभियान 4.0 पूरा किया

व्‍यापक फ़ाइल समीक्षा और कार्यालय में स्थान के बेहतर उपयोग पर ध्‍यान दिया गया, कचरे की बिक्री से राजस्व में 4.62 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई

कार्यालय के कचरे से खाद बनाना, कचरे से कलाकृतियां बनाना और रेत कला जैसी अनूठी पहलों से स्थिरता और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा मिला।

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पत्‍तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2024 तक विशेष अभियान 4.0 का सफलतापूर्वक समापन करते हुए अनेक उपलब्धियां हासिल की है। इस विशेष अभियान का उद्देश्‍य स्वच्छता को संस्थागत बनाना और उसके संगठनों में लंबित मामलों को कम करना था। अभियान के कार्यान्वयन चरण के दौरान, लंबित मुद्दों को हल करने, फाइलों को निपटाने और कार्यालय स्थानों का बेहतर उपयोग करने तथा पर्यावरण अनुकूल कार्यस्थल बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की गई।

अभियान के दौरान 1.29 लाख फाइलों की समीक्षा की गई, जिसके परिणामस्वरूप 1.01 लाख अनावश्यक फाइलों का निपटारा किया गया, जिससे लगभग 68,916 वर्ग फीट कार्यालय स्थान खाली हुआ। इस पुनर्गठन प्रक्रिया में कचरे के निपटारे से 4.62 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त, 369 स्वच्छता अभियान चलाए गए, और कार्यकुशलता में सुधार करने तथा कार्यक्षमता को बेहतर बनाने एवं बढ़ावा देने के लिए 13 परिचालन नियमों को सरल बनाया गया।

” केन्‍द्रीय पत्‍तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा ‘’मंत्रालय हमारे समुदायों और पर्यावरण को लाभ पहुँचाने वाली सतत एवं बेहतर विधियों का समर्थन करते हुए स्वच्छ, अधिक कुशल कार्य वातावरण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। विशेष अभियान 4.0 के माध्यम से, हमने न केवल लंबित मामलों को कम किया है और अधिक कार्यात्मक कार्यालय स्थान बनाए हैं, बल्कि अपशिष्ट से कला और समुद्र तट की सफाई जैसी अभिनव पर्यावरण-अनुकूल पहल भी शुरू की हैं। ये प्रयास ‘स्वच्छ भारत’ के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और सभी के लिए हरित और अधिक जिम्मेदार भविष्य निर्माण प्रक्रिया को दर्शाते हैं,”।

पर्यावरण स्थिरता के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में, कई बेहतरीन विधियों को अपनाया गया, जिनमें कार्यालय के कचरे को खाद में बदलना, कचरे से कलाकृतियां बनाना और पुरी बीच पर रेत कला प्रदर्शनी का आयोजन करना शामिल है। इन गतिविधियों से जुडे़ स्वच्छता अभियानों में स्कूलों की भागीदारी रही। इस अभियान के जरिए सब्जी मंडियों में पर्यावरण अनुकूल कपड़े के थैलों का वितरण और ताड़ के पौधों को लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया गया। ऐसे प्रयासों के माध्यम से, मंत्रालय ने परिचालन दक्षता और सामुदायिक सहभागिता दोनों को बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को उजागर किया है।

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