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मध्यप्रदेशराज्य

सरकार के 2 वर्ष पूर्ण होने पर नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ने की पत्रकारों से चर्चा

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भोपाल
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अब तक 9508 मेगावॉट क्षमता हासिल की जा चुकी है। भोपाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2025 में 5.72 लाख रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में मध्यप्रदेश देश में छठवें स्थान पर है। इसमें अब तक 76 हजार घरों पर 292 मेगावॉट के सोलर प्रोजेक्ट स्थापित किये जा चुके हैं। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला ने यह बात मध्यप्रदेश सरकार के विकास और सेवा के 2 वर्ष पूर्ण होने पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में कही। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विगत 2 वर्ष बेमिसाल रहे हैं।

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मंत्री श्री शुक्ला ने कहा कि विगत 2 वर्षों में राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 एवं यथा पुनरीक्षित मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा नीति-2025 लागू की है। मध्यप्रदेश में बॉयो-फ्यूल प्रोजेक्ट एवं पम्पड् हाइड्रो स्टोरेज को बढ़ावा देने के लिये मध्यप्रदेश बॉयो-फ्यूल क्रियान्वयन स्कीम-2025, मध्यप्रदेश पम्पड् हाइड्रो स्टोरेज क्रियान्वयन स्कीम-2025 लागू की गई। प्रदेश में आगर-शाजापुर-नीमच में 1045 मेगावॉट क्षमता का सौर पार्क स्थापित किया गया है। इसके साथ ही ओंकारेश्वर में विश्व की सबसे बड़ी 278 मेगावॉट की फ्लोटिंग सोलर परियोजना स्थापित की गई।

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मंत्री श्री शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के वर्ष 2030 में 500 गीगावॉट के निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश निरंतर कार्य कर आगे बढ़ रहा है। आगर में 550 मेगावॉट का सोलर पार्क और शाजापुर में 450 मेगावॉट का सोलर पार्क स्थापित किया जा चुका है। नीमच में 500 मेगावॉट के सोलर पार्क की स्थापना का कार्य प्रगतिरत है। प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा-अभियान घटक (स) अंतर्गत 14 हजार 500 मेगावॉट के 550 प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनमें 4 हजार 500 मेगावॉट का क्रियान्वयन भी शुरू हो गया है। मंत्री श्री शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में ग्रिड प्रबंधन व दिन के समय सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिये अनेक नवाचार किये जा रहे हैं।

मंत्री श्री शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसान अन्नदाता होने के साथ अब ऊर्जादाता भी बन रहे हैं। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा-अभियान घटक-ब (पीएम कृषक मित्र योजना) में अब तक 21 हजार 129 किसानों को लाभान्वित कर सोलर पम्प स्थापित किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि समस्त पात्र किसानों को आगामी 3 वर्षों में सोलर पम्प से लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में 50 हजार सोलर पम्प स्थापनाधीन हैं।

मंत्री श्री शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के समस्त शासकीय भवनों पर सोलर रूफटॉप स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश के 47 जिलों के 1500 शासकीय भवनों पर 70 मेगावॉट क्षमता के सोलर प्रोजेक्ट स्थापित करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा-अभियान (पीएम जन-मन) में अब घर अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए 2060 पीवीटीजी घरों में सोलर प्रोजेक्ट स्थापित किये जाने का कार्य चल रहा है। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा एवं उत्थान महा-अभियान घटक-अ में प्रदेश में 1790 मेगावॉट क्षमता के सोलर प्रोजेक्ट की स्थापना का कार्य चल रहा है। इस क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है।

मंत्री श्री शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश में भविष्य की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए ऊर्जा भण्डारण के क्षेत्र में भी कार्य किया जा रहा है। इस दिशा में मुरैना सोलर पॉवर प्लस स्टोरेज प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण है। इस प्रोजेक्ट में 440 मेगावॉट की ऊर्जा क्षमता हासिल की जायेगी। यह प्रदेश की प्रथम ऊर्जा भण्डारण परियोजना है। इसमें प्राप्त होने वाली प्रति यूनिट दर देश में सबसे कम ऐतिहासिक रूप से मात्र 2 रुपये 70 पैसे प्रति यूनिट है। पत्रकार वार्ता में अपर मुख्य सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव और एमडी ऊर्जा विकास निगम श्री अमनबीर सिंह बैंस ने भी पत्रकारों के सवालों के जवाब दिये।

 

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