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भारत ने UN में तालिबान का समर्थन किया, पाकिस्तान को उसके ही जाल में फंसा रहा है

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नई दिल्ली

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पाकिस्तान अब तक कश्मीर के मामले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर सुलझाने के लिए बेकरार नजर आता था, लेकिन अब स्थिति ये है कि अरुणाचल प्रदेश के मसले पर भी पाकिस्तान हस्तक्षेप कर रहा है. हाल ही में पाकिस्तान की ओर से आधिकारिक बयान जारी करके अरुणाचल के मसले पर चीन का साथ दिया गया. इसके बाद अब भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा के दौरान बिना नाम लिए पाकिस्तान पर सीधा हमला बोला. वो इस बार खुलकर तालिबान सरकार के समर्थन में बोला.

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भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरीश ने अफगानिस्तान में हाल के एयरस्ट्राइक्स में निर्दोष महिलाओं, बच्चों और यहां तक कि क्रिकेटरों की मौत की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि ऐसे हमले अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का खुला उल्लंघन है और इनसे एक कमजोर और जूझते हुए देश को और नुकसान हो रहा है. भारत ने पहली बार अफगानिस्तान के समर्थन में इतने सख्त लहजे में बात की है, जो दोनों देशों के बढ़ते संबंधों की बानगी है.
तालिबान के सपोर्ट में क्या बोला भारत?

भारत ने ट्रेड और ट्रांजिट टेररिज्म का मुद्दा भी उठाया, जो साफ तौर पर पाकिस्तान की तरफ इशारा था. भारत ने बताया कि कैसे एक लैंडलॉक्ड देश की जीवनरेखा को बंद करना WTO नियमों के विपरीत है और युद्ध जैसी हरकत है. भारत ने कहा कि हम अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और स्वतंत्रता का भी मजबूती से समर्थन करते हैं. भारत ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर काम करना चाहिए ताकि ISIL, अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और उनके प्रॉक्सी जैसे आतंकी संगठनों को सीमा पार आतंक फैलाने से रोका जा सके.
पाकिस्तान की किस चाल का दिया भारत ने जवाब?

दरअसल पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में बयान जारी किया था कि वह चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से जुड़े मामलों में लगातार उसका समर्थन करता है. आपको बता दें कि चीन, भारत के अरुणाचल प्रदेश को झांगनान कहता है और पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी के समर्थन ने साबित कर दिया है कि एक बार फिर पाकिस्तान, भारत के आंतरिक मामले में दखल देने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में भारत को वो खुद ही इस बात के लिए उकसा रहा है कि वो पाकिस्तान-अफगानिस्तान से जुड़े मसलों में दखल दे. पाकिस्तान की ये चाल बैकफायर हो गई और अब भारत के पास ग्राउंड है कि वो अफगानिस्तान का खुलकर साथ दे.
क्यों खुलकर भारत आया अफगानिस्तान का साथ?

भारत के पूर्व विदेश सचिव रह चुके कंवल सिब्बल ने पाकिस्तान की इस मूर्खता पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर टिप्पणी की थी कि अरुणाचल प्रदेश पर चीन को समर्थन देने के साथ ही पाकिस्तान हमारे लिए ये जमीन तैयार कर रहा है कि हम डूरंड रेखा के मामले में अफगानिस्तान की स्थिति का समर्थन करें. कंवल सिब्बल का ये बयान सही साबित हो रहा है क्योंकि अब यूएन में भारत अफगानिस्तान में हो रहे पाकिस्तान के हमलों को गलत ठहरा रहा है. इससे पहले तक पाकिस्तान-अफगानिस्तान के मसले पर भारत कभी इस तरह के ऑफिशियल स्टेटमेंट न तो दिए हैं और न ही लिखित तौर पर रिलीज किए हैं. पाकिस्तान ने इस तरह का आधिकारिक बयान देकर भारत को अधिकार दे दिया कि वो डूरंड रेखा और मानवाधिकारों के हनन के मामले में अफगानिस्तान का खुलकर समर्थन करे. भारत अब बलोचिस्तान को लेकर अपना स्टैंड ले सकता है.

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