छत्तीसगढ़

दिव्यज्योति साहित्यिक संस्थान द्वारा छत्तीसगढ़ी कवि गोष्ठी का आयोजन सम्पन्न

रायपुर-दिव्यज्योति साहित्यिक संस्थान रायपुर छत्तीसगढ़ के द्वारा दिनांक 11 नवम्बर 2024 दिन सोमवार को गूगल मीट पर राज्य स्तरीय ऑनलाइन छत्तीसगढ़ी काव्य गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें राज्य भर से अनेक सुप्रसिद्ध साहित्यकारों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।

कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि आसंदी पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ वरिष्ठ साहित्यकार रायपुर, विशिष्ट अतिथिगण के रूप में सुशील भोले वरिष्ठ साहित्यकार रायपुर, राजकुमार धर द्विवेदी साहित्यकार/उपसम्पादक नई दुनिया रायपुर, कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में सुरेश कुमार बंछोर वरिष्ठ साहित्यकार भिलाई उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सुंदर मंच संचालन अनिल कुमार जायसवाल कवि/शिक्षाविद बिलासपुर द्वारा किया गया। अंत में आभार प्रदर्शन मुकेश कुमार सोनकर संयोजक सहसंस्थापक दिव्यज्योति साहित्यिक संस्थान रायपुर छत्तीसगढ़ ने किया।

 कार्यक्रम की शुरुआत कवयित्री अंजना सिन्हा सखी रायगढ़ द्वारा सरस्वती वंदना एवं डॉ. तुलेश्वरी धुरंधर द्वारा छत्तीसगढ़ राजकीय गीत प्रस्तुति से हुई तत्पश्चात् डॉ. कल्याण सिंह साहू भिलाई, रामसागर कश्यप ‘छत्तीसगढ़िया’ अमोरा सेमरा नवागढ़ जिला जांजगीर चांपा, लतेलिन ‘लता’ प्रधान जांजगीर चांपा, जी.पी. जायसवाल बिलासपुर, थानू राम साहू जी मुंगेली, अरुण कुमार वर्मा पलारी बलौदाबाजार, लोकनाथ यादव ग्राम दानी कोकड़ी धमधा जिला दुर्ग, डॉ. भारती अग्रवाल रायपुर, दिलीप टिकरिहा ‘छत्तीसगढ़िया’ पिरदा (भिंभौरी)बेरला-बेमेतरा, राकेश कुमार साहू सिंघरापारा सहसपुर लोहारा कवर्धा, सेवक राम निषाद बेवरती-कांकेर, रामकुमार पटेल मुड़पार बिलासपुर, नूपुर कुमार साहू रायपुर, दिनेश कुमार दुबे तखतपुर बिलासपुर, लक्ष्मी डहरिया भाटापारा जिला बलौदाबाजार, ओमप्रकाश साहू ‘अंकुर’ सुरगी राजनांदगांव, पुष्पा पारेश्वर सरायपाली जिला महासमुंद, ईश्वर कुमार साहू डोंगरगांव, ओ.पी. कौशिक ‘रतनपुरिहा’ वि.खं.-पेंडरा जिला -जी.पी.एम., मधुसदन कैवर्त्य चिरमिरी जिला एम.सी.बी., विरेन्द्र कुमार साहू बठेना पाटन दुर्ग, कुलदीप सिन्हा ‘दीप’ ग्राम कुकरेल सलोनी जिला धमतरी, मोहित कुमार शर्मा अमलेश्वर जैसे अनेक सुप्रसिद्ध साहित्यकारों ने अपनी सुंदर रचनाएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम में शुरूआत से समापन तक अतिथियों, रचनाकारों एवं श्रोताओं की लगातार उपस्थिति बनी रही जिसकी संख्या निरंतर बढ़ती ही रही, इस प्रकार कार्यक्रम बेहद सफल रहा।

प्रेषक- मुकेश कुमार सोनकर रायपुर 

कुछ प्रस्तुतियों के अंश👇:

धन्य हे हमर छत्तीसगढ़ महतारी अऊ ईहां के रहईया। 

पुरातन संस्कृति अउ संस्कार के जोखा करके रखइया।

इहां के पावन माटी मा पसीना मिलाके नव सृजन करइया।

चारो मुड़ा के मनखे मा कहाथे सबले बढ़िया छत्तीसगढ़िया। 

मुकेश कुमार सोनकर ‘सोनकरजी’ 

साल्हो ,पंडवानी अऊ ददरिया , सब्बो के मन ला भाथें 

राऊत नाचा ,पंथी अऊ करमा, हर उत्सव मा सुहाथें 

काकर पाँव पखारँव मैं ,अऊ काकर करँव बखान

इहाँ के कन कन मा लिखे हे रमायण अऊ कुरान  

मोर छत्तीसगढ़ हे महान

डॉ.माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ 

मोतियन चउंक पुरायेंव… जोहार दाई

डेहरी म दिया ल जलायेंव ….जोहार दाई

छत्तीसगढ़ महतारी परघाये बर,

अंगना म आसन बिछायेंव… जोहार दाई…

सुशील भोले  

छत्तीसगढ़ी गुरतुर सुग्घर भाखा बोली।

जेमा सनाय नीक मदुरस कस ठिठोली।

देश बिदेश के मनखे ईंंहा आके रे संगी,

भरथंय टीपाटीप अपन भाग के ओली।।

जय होवय ओ मोर—–

सुरेश बन्छोर ‘तालपुरी’ 

धन धन पावन भुईंया हे जी छत्तीसगढ़ महतारी के |

जउन हा हाबय मइके संगी, कौशिल्या महतारी के ||

श्री राम के महतारी के…..

दिलीप टिकरिहा “छत्तीसगढ़िया”

समाज ले बिनती हे 21 वीं सदी के सुग्घर बिचार ल अपनाओ। 

पुरातन पंथी रूढ़िवाद ले सब्बो मनखे समाज ल बचाओ।।

अनिल कुमार जायसवाल

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