छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

शाला में धान बिनने के बाद अब सफाई करने का मामला आ रहा सामने

बिलासपुर संभाग ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट

चांपा न्यूज। बीते दिन सोमवार की घटना के बाद शिक्षा विभाग एक्शन मोड में दिखा तो वही अब चांपा के बरपाली प्राथमिक शाला से मामला निकल कर सामने आ रहा है जिसमें कक्षा 4 के बच्चों के द्वारा शाला में साफ सफाई करने की बात सामने आ रही है ।सूत्रों से  यह खबर सुनते ही जब स्थानीय पत्रकार शाला का पहुंचे तब वह के उपस्थित शिक्षिकाओं ने इस बात से पूरी तरह इनकार कर दिया तो वही दूसरी तरफ कक्षा 4थीं में पहुंचकर बच्चों से बात चित की गई तब पता चला कि उनके द्वारा कक्षा में साफ सफाई की गई थी

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तब इस बात का खुलासा होने लगा इस पर शाला में उपस्थित टीचरों से पूछा गया तब भी इस बात पर अपनी अनभिज्ञता जाहिर करने लगे अब आप हो बताए कि मां बाप अपने बच्चों को शाला पढ़ने के लिए भेजते है न कि ऐसे किसी कृत्य के लिए और एक बात बच्चों के शाला पहुंचने के बाद इसकी संपूर्ण जवाबदारी शाला प्रबंधन की होती है । मगर आपको चांपा के बरपाली स्कूल पहुंचने के बाद एक अलग ही दृश्य देखने को मिलेगा जहां आप देख पाएंगे कि शाला में 5 में से 3 ही शिक्षिकाएं उपस्थित थी तो वही जब शाला में यह घटना घटी तो उस दिन शाला में मात्र  2 टीचरों की उपस्थित थी और वो भी किसी सरकारी दस्तावेजों को पूरा कर जमा करने था इसलिए अपने कार्यालय में बैठ कर काम करने में व्यस्त थी । शाला में उपस्थित टीचर अगर शाला के समय में बच्चों को पढ़ना छोड़कर कार्यालय का कम करेंगी तो बच्चों की पढ़ाई पर भी तो गहरा असर पड़ेगा । अब किसके कहने पर बच्चों ने साफ सफाई करी यह यह बात तो विभाग के उच्च अधिकारियों की जांच का मुद्दा है और अगर बच्चों ने अपने मन से किया तो इसमें भी शाला प्रबंधन की ही जिम्मेदारी बनती है। क्योंकि शाला में बच्चों के उपस्थित होने के बाद वह घटने वाली सभी घटना की संपूर्ण जवाबदारी शाला प्रबंधन की ही होती है।

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इस घटना के बाद जब शाला के जनभागीदारी के अध्यक्ष मोंटो गोपाल से चर्चा की गई तब उन्होंने भी शाला की कक्षा में पहुंचकर जानकारी ली तो बच्चों द्वारा साफ सफाई की बात सिद्धि हुई । जिसकी श्री गोपाल के कड़ी निंदा करी तो वही शाला में मौजूद शिक्षिकाओं के द्वारा कोई भी समाचार नहीं लगाने का आग्रह किया जाता था तो वही पत्रकार जन वहां से आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए बोलकर वापस आ गए तो वही शाला में पदस्थ शिक्षिका के परिजन ने पत्रकारों को फोन में धमकाते हुए कहने लगे कि आप कैसे शाला पहुंच गए और क्या आप अधिकारी है जो शाला पहुंचकर सवाल जवाब कर रहे थे । आपको जो छपना है छाप लो उसमें क्या होगा ।
अब जांजगीर चांपा जिले के शिक्षा पर  सवालिया निशान लगने लगे है एक तरफ शाला में बच्चों धान बनवाने का मामला उठा जो कि अपने आप में बेहद शर्मनाक था तो वही दूसरी तरफ बच्चों के द्वारा शाला के अंदर साफ सफाई करने का मामला आया है देखना यह है कि शिक्षा विभाग के ब्लॉक एवं जिला के आला अधिकारी इस प्रकरण के क्या कार्यवाही करते है ।या फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

सरकार द्वारा बच्चे के भविष्य को संवारने के लिए काफी मात्रा में पैसे खर्च किया जाता है परंतु सरकार के निर्देशों को दरकिनार करते हुए इसे ही कुछ टीचरों की वजह से लोग प्राइवेट स्कूलों की तरफ मुंह मोड़ रही है और आगे भी इसे ही चलता रहेगा तो आने वाले समय पर सरकारी स्कूलों में ताला लगा मिलेगा। हमारे खयाल से ऐसे कुछ भ्रष्ट लोगों पर कार्यवाही करके उन्हें तत्काल प्रभाव से सेवा से हटा देना चाहिए ताकि आगे ऐसी किसी घटना की पुनरावृति करने से पहले 100 बार सोचे और बच्चों के भविष्य को संवारने में अपना ध्यान रखें।

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