अंबिकापुरछत्तीसगढ़

सिकल सेल रोगियों को नया जीवन दे रहा है शहरी  पीएचसी सेंटर, दूसरे राज्यों से भी आ रहे मरीज

अंबिकापुर से रियाज हुसैन की रिपोर्ट

अम्बिकापुर सिकल सेल एक लाइलाज आनुवंशिक बीमारी है, लेकिन छत्तीसगढ़ शासन की पहल और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार से हजारों मरीजों को बेहतर जीवन मिल रहा है। अंबिकापुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवापारा में सिकल सेल प्रबंधन यूनिट की शुरुआत 2022 में हुई थी. अब तक इस केन्द्र के माध्यम से 3 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. जिसमें सिकल सेल के एसएस कैटेगरी के 6 सौ गंभीर मरीजों का इलाज चल रहा है.

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क्या है सिकल सेल बीमारी
सिकल सेल एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं सिकुड़कर हंसिया (सिकल) के आकार की हो जाती हैं। इससे रक्त प्रवाह अवरुद्ध होता है, जिसके कारण मरीजों को असहनीय दर्द, एनीमिया, थैलेसीमिया और अन्य गंभीर समस्याएं होती हैं। यह बीमारी पीढ़ी-दर-पीढ़ी फैलती है और इसका इलाज संभव नहीं है, लेकिन सही प्रबंधन से मरीजों को बेहतर जीवन दिया जा सकता है। 

स्क्रीनिंग और उपचार प्रक्रिया
अम्बिकापुर के शहरी पीएचसी सिकल सेल प्रबंधन इकाई के नोडल अधिकारी डॉ. श्रीकांत सिंह चौहान ने सिकल सेल के लक्षणों की जानकारी देते हुए बताया कि किस आदमी के शरीर में बहुत लंबे समय से दर्द हो रहा हो, शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा 6 से कम रहती हो, बार-बार खून चढ़ाने की जरूरत पड़े, माता-पिता या फैमिली हिस्ट्री में सिकलिंग हो तो जांच अवश्य करानी चाहिए.

स्क्रीनिंग से तय होता है इलाज की प्रक्रिया
डॉ. श्रीकांत सिंह चौहान ने बताया कि सिकल सेल के लिए पहले स्क्रीनिंग की जाती है. पॉजिटिव रिजल्ट आने पर सिकल सेल दो प्रकार की कटैगरी आती पहला जो बिमार के श्रेणी में आता जिसे एसएस बोलते हैं और दूसरी कैटेगरी वाहक की श्रेणी में आता है जिसे एएस बोला जाता है। इसमें खतरनाक एसएस कैटेगरी होती जिसमें रेगुलर मरीज को दवाईयां लेनी पड़ती हैं। उन्होंने बताया कि सिकल सेल जेनेटिक बिमारी है, ये पीढ़ी दर पीढ़ी फैलते जाती है। इसे जड़ से खत्म करने का एक ही इलाज है शादियां हमेशा निगेटिव और पॉजिटिव के बीच होनी चाहिए जिससे इसे खत्म किया जा सके।

अन्य राज्यों से इलाज के लिए आते हैं लोग
इस केंद्र की सुविधाओं का लाभ सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के मरीज भी उठा रहे हैं। झारखंड के पलामू से आईं मरियम बेबी ने बताया कि उनके पोते को लगातार खून की कमी और असहनीय दर्द हो रहा था, बहुत जगह दिखाया, ठीक नहीं हुआ, लेकिन यहां इलाज के बाद वह अब स्वस्थ है। महीने में एक बार डॉक्टर को चेकअप कराने आते हैं। उन्होंने मिल रहे स्वास्थ्य सुविधाओं के छत्तीसगढ़ शासन और डॉक्टर का आभार व्यक्त किया।      अंबिकापुर से रियाज हुसैन की रिपोर्ट

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