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जशपुर जिले के गांव,राम भरोसे

ग्रामीणों ने कीचड़ भरी सड़कों से परेशान,सचिव सरपंच पर लगाए कार्य रोकने का आरोप

शैलेंद्र कुमार सरगुजा संभाग ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट

जशपुर न्यूज। बगीचा विकासखण्ड में ग्राम पंचायत अंतर्गत आने वाले सड़कों का बदहाली को लेकर ग्रामीणों ने परेशान हैं,सचिव सरपंच की मनमानी रवैया के वजह से आज गढ्ढे और कीचड़ भरा सड़कों से जूझ रहे हैं आम जनता,शिकायत पर भी आला अधिकारी के द्वारा बड़ी आसानी से अस्वासन दे दिया जाता है।लेकिन काम धरातल पर काम नहीं कराया जाता है।अब इसी में अंदाजा लगा सकते हैं। कि अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी अपनी कर्मचारियों पर कोई एक्शन नहीं ली जाएगी तो फिर उनका क्षेत्र या उनका कर्मचारी किस रवैया पर चल रहे होंगे।

बता दें कि पूरा मामला सरधापाठ ग्राम पंचायत के घोरडेगा का है जहां 2 साल पहले से लेकर आज तक ग्रामीणों ने दल दल गढ्ढे में पानी भरी हुई सड़कों से गुजरना पड़ता है।कुछ सालों पहले की बात है जहां ट्रैक्टर में सवार बगीचा से घर जा रहे,टैक्टर चालक की पत्नी बदहाल सड़क के गढ्ढे की वजह से महिला अपनी पकड़ बना नहीं पाई और सड़क पर गिर पड़ी उसी दौरान ट्रैक्टर के पहिए में दब गई थीं।और ऐसा नहीं है कि इस सड़क पर चलने वाले लोग इसका शिकार नहीं हुए होंगे।न जाने कितने लोग इस गढ्ढे का शिकार हुए हैं फ़िलहाल कुछ भी अभी कहना मुश्किल है।

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आज भी जान हथेली पर लेकर चल रहे हैं लोग अगर यही दसा रहे तो न जाने आगे आने वाली घटनाओं कितना इंतजार कर रहे हैं जिम्मेदार व्यक्तियों।सचिव को कई बार बोलते बोलते इस वर्ष के जून माह में सचिव कार्य करने को लेकर तैयार हुआ और जेसीबी मशीन और टैक्टर मुरम खदान लगाया फिर अचानक से सचिव के मन में कैसे बदलाव हुआ टैक्टर और जेसीबी मशीन खदान से वापस लौटा दिया लेकिन काम नहीं कराया गया।आज उसी का खमियाजा भुगतना पड़ रहा है ग्रामीणों को भरी बरसात में।इसकी शिकायत जब ग्रामीणों ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी और कलेक्टर को अवगत कराया गया तो अधिकारियों द्वारा कहा गया था कि काम कराया जाएगा सचिव को बोला जाएगा।लेकिन अब देखिए आज यह स्थिति सामने दिख रहा है कि कार्य के साथ साथ अधिकारियों का अस्वासन भी अधूरा दिख रहा है।

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पंचों में सहमति नहीं बन पाई तो  खदान से भगाया गया टैक्टर जेसीबी मशीन- सचिव वितुल राम

मामले को लेकर सचिव वितुल राम के द्वारा कहा गया कि जून माह में मरम्मत के लिए किया जा रहा था लेकिन पंचों के सहमति नहीं बनने के कारण खदान से टैक्टर और जेसीबी मशीन वापस लौटा दी गई।लेकिन जैसे ही बाद में काम कराया जाता कि मैं बीमार पड़ गया। फ़िलहाल स्वास्थ ठीक नहीं होने के कारण मैं छुट्टी पर हूँ,प्रभार में वहां शशिकला यादव देख रही है।अब ये भी जान लें कि रवैया को देखते हुए पंचों का सहमति नहीं पाए तो सड़क मरम्मत  नहीं कराया जाएगा,भले ही सड़क से आम जनता परेसान क्यों न हो लेकिन जिमेदारों व्यक्तियों को बिल्कुल ही कोई पर्वाह नहीं है।


बरसात के बाद होगी मरम्मत- प्रभार में पदस्थ सचिव शशिकला यादव

सचिव शशिकला यादव का कहना है कि बरसात निकलेगी तभी सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी। अब गौर करने वाली बात है कि सूखा मौसम में पंचों में सहमति नहीं बन पाती है मरम्मत करने के लिए और जब बरसात में दिक्कतें आए तो उस समय में कोई कार्य हो ही नहीं सकता है फिर कार्य कराई जाएगी कब इसका मतलब साफ है कि समस्या का समाधान हो पायेगा या नहीं,अब तो आने वाला वक्त बताएगा।

जब हमने इस मामले की जानकारी C O जनपद बगीचा, प्रमोद कुमार सिंह से ली तो उनका जवाब था, बरसात के बाद सारी डैमेज, पुल पुलिया, का निर्माण किया जाएगा,सवाल ये है की  जनपद के अधिकारी इसके पहले तक कुंभकर्ण की नींद मै। क्यों सोते रहते है, क्या ये जवाब। की बरसात के बाद निर्माण किया जाएगा, कितना उचित है याने जनता बरसात मै राम भरोसे जिंदा रहे।

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