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जशपुर। खरीफ फसल की उत्पादन तकनीक पर एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन

शैलेंद्र कुमार सरगुजा संभाग ब्यूरो चीफ

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भारत सरकार द्वारा प्रायोजित अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर कृषि प्रणाली का पहाड़ी एवं पठारी अनुसंधान केंद्र, रांची द्वारा ग्राम-कुमेकेला, पत्थलगांव, जशपुर में दिनांक 6 जुलाई, 2024 को खरीफ फसल की उत्पादन तकनीक पर एक दिवसीय प्रशिक्षण- सह-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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कार्यक्रम का उद्‌घाटन ग्राम-कुमेकेला की सरपंच फूलमती सिदार, उप सरपंच संतोषी भारद्वाज एवं डॉ. बालकृष्ण झा, प्रमुख वैज्ञानिक एवं प्रभारी, भारत सरकार की अनुसूचित जाति उपयोजना, छत्तीसगढ़ के द्वारा किया गया।

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अतिथियों का स्वागत करते हुए सरपंच महोदया ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की संस्था

रांची के वैज्ञानिकों द्वारा कुमेकेला गांव में अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत किसानों की जीविकोपार्जन में

बढ़ोत्तरी हेतु वैज्ञानिक विधि से खेती करने के प्रशिक्षण के साथ कृषि उपकरणों का वितरण तथा वैकल्पिक आय हेतु मशरूम की खेती की जानकारी प्राप्त कर किसान काफी खुशहाल हो रहे हैं। इस अवसर पर कुमेकेला की उप सरपंच श्रीमती संतोषी भारद्वाज ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर के कृषि प्रणाली का पहाड़ी एवं पठारी अनुसंधान केंद्र, रांची द्वारा किए जा रहे प्रयास से निश्चय ही किसानों कीआमदनी में बढ़ोत्तरी होगी। इस एक दिवसीय प्रशिक्षण में डॉ बाल कृष्ण झा द्वारा किसानों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का

पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा विकसित धान की खेती की विस्तृत जानकारी तथा खरीफ की सब्जियों की खेती की तकनीकियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने किसानों को आम के बगीचों की स्थापना, पौधे लगाने की विधियाँ, बहुस्तरीय बाग स्थापना की विशेष जानकारी प्रदान की। साथ ही, उन्होंने किसानों को फसलों में मृदा एवं पोषक तत्व प्रबंधन के गुर सिखाए। डा. हरिशंकर, सहायक प्राध्यापक (सस्य विज्ञान), जशपुर कृषि महाविद्यालय द्वारा किसानों को खरीफ फसलों में धान की उत्पादन तकनीक एवं कीट एवं व्याधियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।

केंद्र के अनुसंधान सहायक सौम्य सुंदर तिवारी ने किसानों को खरीफ में धान के बिचड़ा उत्पादन की तकनीक एवं फसलों में उर्वरक प्रबंधन पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में किसानों के बीच भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वाराविकसित कम पानी में भी अधिक उत्पादन देनेवाली धान की उन्नत किस्मों- स्वर्ण श्रेया एवं स्वर्ण शक्ति के 8 क्विटल बीज के मिनी किट वितरित किए गए। साथ में बागवानी एवं फलदार वृक्ष से आय अर्जित करने हेतु आम की उन्नत किस्म के 112 कलमी पौधे तथा बगीचे में अंतरफसली खेती हेतु बोदी के 20 किग्रा. उन्नत बीज का भी वितरण किया गया। इनके साथ ही, खरपतवार नियंत्रण हेतु किसानों को 20 पीस ड्राई लैंड वीडर भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम में कुल 80 किसानों ने भाग लिया जिसमें इतना 71 पुरुष एवं 9 महिला किसान शामिल हुए। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन प्रगतिशील किसान संदीप सक्सेना द्वारा किया गया।

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