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लखीमपुर खीरी। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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लखीमपुर खीरी से शरीफ अंसारी की रिपोर्ट

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लखीमपुर खीरी। जनपद में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत शुक्रवार को मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संतोष गुप्ता, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ एसपी मिश्रा, जिला मलेरिया अधिकारी हरि शंकर द्वारा मच्छरों के प्रजनन को रोकने / मच्छरों के लार्वा के घनत्व को कम करने तथा शासन से प्राप्त निर्देशों तथा लोकहित के दृष्टिगत जनपद में “विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान दिनांक 01 जुलाई से 31 जुलाई, 2024 के क्रम में गैम्बुजिया (लार्वा भक्षी) मछली को नगर क्षेत्र लखीमपुर के नौरंगाबाद स्थिति तालाब में डाला गया।

जनपद लखीमपुर खीरी विगत वर्षों से वेक्टर जनित रोगों के लिए संवेदनशील रहा है। अधिकांशतः वेक्टर जनित रोगों का प्रसार मच्छर के काटने से फैलता है। इसलिए मच्छरों को प्रजनन से रोकना / मच्छर के लार्वा के घनत्व को कम करना वेक्टर बार्न डिजीज का जनमानस में फैलने से रोकने का एक प्रमुख घटक है। गैम्बुजिया मछली मच्छरों के लार्वा को खा जाती है जिससे कि मच्छरों के लार्वा का घनत्व कम हो जाता है एवं मच्छरों का प्रजनन कम हो जाता है। इसी क्रम में जनपद के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधीक्षकों को गैम्बुजिया मछली तालाबों/ पोखरों में डालने हेतु आवंटित की जा रही है।

गैम्बुजिया मछली को “मारकीटो फिश” के नाम से जाना जाता है। ये मछली मच्छरों के लार्वा को खाकर उनकी तादात बढ़ने से रोकती है जिससे मच्छरों से होने वाली बीमारियों जैसे मलेरिया, डेंगू इत्यादि पर प्रभावी नियत्रण होता है। गैम्बुजिया मछली मच्छरों के लावों को नियंत्रित करने के लिए ‘जैविक एजेंट” के तौर पर व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाती है। एक पूर्ण विकसित गैम्बुजिया मछली प्रतिदिन करीब 300 मच्छरों के लार्वा खाती है।

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