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G20 समिट: PM मोदी ने समावेशी विकास पर जोर देते हुए पुराने विकास मॉडल पर उठाए सवाल

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जोहान्सबर्ग 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग पहुंचे, जहां वे 21 से 23 नवंबर तक होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. यह सम्मेलन ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण अवसर माना जा रहा है. शनिवार को उन्होंने सम्मेलन को संबोधित किया. 

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अफ्रीका की धरती पर पहली बार आयोजित हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन ने एक ऐतिहासिक शुरुआत देखी, और उसके उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक विकास की दिशा बदलने वाले तीन बड़े प्रस्ताव रखे.

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G20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने क्या-क्या कहा?

पीएम मोदी ने कहा कि कई दशकों से जी20 दुनिया की अर्थव्यवस्था को आकार देता रहा है, लेकिन वर्तमान विकास मॉडल ने बड़े समुदायों को संसाधनों से वंचित किया है. उन्होंने साफ कहा कि इन मॉडलों ने प्रकृति का अंधाधुंध दोहन बढ़ाया है और सबसे अधिक असर अफ्रीका और ग्लोबल साउथ पर पड़ा है. उन्होंने तीन बड़े प्रस्ताव रखे. 

1. ग्लोबल ट्रेडिशनल नॉलेज रिपोजिटरी

प्रधानमंत्री ने ऐसी ज्ञान-परंपराओं की बात उठाई जो सदियों से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में प्रकृति-संतुलन, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समरसता को बनाए रखती हैं.

उन्होंने कहा कि भारत के “भारतीय ज्ञान प्रणालियां” मॉडल के आधार पर एक वैश्विक पारंपरिक ज्ञान भंडार बननी चाहिए, ताकि टिकाऊ जीवन के इन अनुभवों को संरक्षित कर अगली पीढ़ियों तक पहुंचाया जा सके.

2. जी20 अफ्रीका कौशल गुणक पहल

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अफ्रीका का विकास पूरी दुनिया के हित में है. इसी सोच के साथ उन्होंने “जी20–अफ्रीका कौशल गुणक” का ऐलान किया.

यह पहल ट्रेन-द-ट्रेनर्स मॉडल पर आधारित होगी, जिसे सभी G20 देश मिलकर फंड और सपोर्ट करेंगे. लक्ष्य है अगले 10 साल में एक मिलियन प्रमाणित ट्रेनर तैयार करना, जो फिर लाखों युवाओं को कौशल दे सकेंगे.

3. ड्रग-आतंकवाद गठजोड़ का मुकाबला करने पर G20 पहल

प्रधानमंत्री ने ड्रग–टेरर नेटवर्क पर भी गहरी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि फेंटानाइल जैसे सिंथेटिक ड्रग पूरी दुनिया में स्वास्थ्य, समाज और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं.

इसलिए जी20 को एक संयुक्त अभियान – ड्रग-आतंकवाद गठजोड़ का मुकाबला करने पर G20 पहल शुरू करना चाहिए. यह तस्करी, अवैध वित्तीय नेटवर्क और आतंकी फंडिंग को रोकने में मदद करेगा.

पीएम मोदी ने अफ्रीका और ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को जी20 की मुख्यधारा में लाने की जरूरत दोहराई और कहा कि भारत “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” की सोच को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है.

G20 बैठक में बोले पीएम मोदी – अब समय है विकास के नए मानक तय करने का

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, G20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र में भाषण दिया. यह सत्र समावेशी और टिकाऊ विकास पर केंद्रित था. 

उन्होंने कहा कि अफ्रीका पहली बार G20 समिट की मेजबानी कर रहा है, इसलिए अब सही समय है कि हम अपने विकास के पैमानों को फिर से देखें और ऐसा विकास मॉडल अपनाएं जो सबको साथ ले और लंबे समय तक टिक सके.

पीएम मोदी ने कहा कि भारत के प्राचीन मूल्यों, खासकर समग्र मानववाद का सिद्धांत, दुनिया को आगे बढ़ने का बेहतर रास्ता दिखाता है.

G20 समिट में पीएम मोदी और इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी की मुलाकात

दक्षिण अफ्रीका में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात की. यह बातचीत जोहान्सबर्ग में चल रही बहुपक्षीय बैठकों के बीच हुई, जहां दोनों नेताओं ने आपसी मुद्दों पर चर्चा की.

पीएम मोदी की कई विश्व नेताओं से मुलाकात

G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई विश्व नेताओं से मुलाकात और बातचीत की.

G20 में कौन-कौन से देश शामिल हैं?

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, तुर्किये, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका देश शामिल हैं. इसके अलावा दो क्षेत्रीय संगठन भी इस समूह में शामिल हैं – यूरोपीय संघ और अफ्रीकी संघ. 

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