लखीमपुर खीरी से शरीफ अंसारी की रिपोर्ट
लखीमपुर खीरी। सच को सच कहो और अपनी बात बेबाकी से रखने वाली और खबर से किसी तरह से समझौता न करने वाली पत्रकार सुनहरा किसी भी परिचय की मोहताज नहीं अपनी खबरो अपनी तेजतर्रार छवि बीना भय निर्भीक निष्पक्ष निडर पत्रकार सुनहरा का दौरान लाक डाउन कोतवाली सदर में क्राइम इंस्पेक्टर से लेकर हुए विवाद की शिकायत सुनहरा पत्रकार ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली में की जहां पर सुनहरा पत्रकार को बुलाया गया सुनहरा पत्रकार ने कहा की मैं दिल्ली जा नहीं सकती थी परिस्थितियों ही कुछ ऐसी थी सुनहरा पत्रकार ने अपना पक्ष जरिए डाक रजिस्ट्री रखा प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली ने मेरा पक्ष सुना और सच्चाई को जाना और यह माना की सुनहरा पत्रकार के साथ ग़लत हो रहा है जिसके बाद एक आदेश प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली द्वारा सुनहरा पत्रकार के पास आया उस आदेश में यह भी कहा गया की आपके मामले में एक टीम गठित की गई और उस टीम की रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली द्वारा आपका केस दायर कर न्याय दिलाया जाएगा उसी क्रम मे प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली की टीम,दिनांक 28-4-2024 को जनपद लखीमपुर-खीरी पहुंची और सुनहरा पत्रकार को बुला कर पूछताछ कर आवश्यक जानकारियां प्राप्त की बताते चलें उक्त मामले में अधिकारियो की चल रही जांच,पत्रकार उत्पीड़न को लेकर सख्त हुआ प्रेस काउंसिल आफ इण्डिया दिनांक 29-4-2024 को सुनहरा पत्रकार के आवास पर पहुंचीं टीम ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से समझते हुए यह माना पुलिस द्वारा पत्रकारिता करने में अड़चन पैदा करना मामला पूर्व क्राइम इंस्पेक्टर पान सिह पूर्व कोतवाल अजय प्रकाश मिश्रा ,आदि कोतवाली सदर लखीमपुर-खीरी वैसे भी वर्तमान समय में भी जेल चौकी प्रभारी लोकनाथ गुप्ता, राहुल सिपाही, बिना जांच व फोन किए कोई भी पक्ष के आई जी आर के नाम पर झूठी रिपोर्ट लगाने वाले दयाशंकर द्विवेदी कोतवाली सदर द्वारा यह आरोप लगाना सुनहरा पत्रकार शिकायती पत्र देने की आदी हैं सच्चाई यह है भ्रष्टाचार के विरुद्ध खबर चलाना चाहे कोई भी विभाग हो पुलिस विभाग के सदैव निशाने में रही सुनहरा,महिला पत्रकार इस सम्बन्ध में जब सुनहरा पत्रकार से जानकारी चाही तो महिला पत्रकार ने कहा मैं न ग़लत करती हूं न सहती हूं बीना सुबूत कोई कार्य नहीं करती न खबर निकालती न हवा में पत्रकारिता करती मैं सदैव पुलिस मेरी पत्रकारिता में बांधा उत्पन्न करतीं है जिसका सुबूत जांच दयाशंकर द्विवेदी की एक आई जी आर एस जो जेल चौकी प्रभारी लोकनाथ गुप्ता और राहुल सिपाही के बताएं रचें षड्यंत्र के तहत लगाईं गई जिसकी पूरी पटकथा झूठ को ध्यान में रखकर महिला पत्रकार की छवि घूमिल करने के लिए सोची समझी रणनीति के तहत लिखी गई।