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दिवाली 2025: जलेंगे पटाखे, लेकिन दिल्ली में प्रदूषण होगा 0! नई तकनीक ने दिया कमाल

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नई दिल्ली 
दिल्ली में दिवाली से पहले ही प्रदूषण बढ़ने लगा है. बीते दिन दिल्ली के 5 अलग-अलग सेंटरों आनंद विहार, नॉर्थ कैंपस, मथुरा रोड, द्वारका, वजीरपुर में एक्यूआई 300 के पार दर्ज किया गया. इसी बीच दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराए जाने की तैयारियां चल रही हैं. तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण पर दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली में क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है.

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दिल्ली सरकार के मंत्री ने कहा कुछ चुनिंदा इलाकों में दिवाली के एक दिन बाद प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कृत्रिम बारिश कराए जाने की तैयारी चल रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही इसका एक सैंपल लिया जाएगा. हालाकिं इसके लिए मौसम विभाग से हरी झंडी मिलने का इंतजार है. उन्होंने कहा कि हम जल्द बादलों के छाने का इंतजार कर रहे हैं. एक प्लेन भेजकर कृत्रिम बारिश के लिए काम शुरू कर सकते हैं. दिल्ली सरकार ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं. इतना ही नहीं 2 पायलट इसके लिए 4 दिन तक ट्रेनिंग ले चुके हैं. 3 घंटे में इसका असर नजर आ जाएगा.

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इधर, दिल्ली से लगे नोएडा में भी वायु गुणवत्ता ‘खराब’ हो गई थी. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 14 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में GRAP-1 लागू किया था. नोएडा प्राधिकरण ने वायु प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए GRAP-1 उपायों के तहत सड़कों पर पानी का छिड़काव करा रहा है.

दिल्ली में प्रदूषण का लेवल
दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण आनंद विहार में दर्ज किया गया. यहां एक्यू्आई 345 दर्ज किया गया. वहीं डीयू नॉर्थ कैंपस में 307, सीआरआरआई मथुरा रोड में 307, द्वारका सेक्टर-8 में 314 गया. जबकि वजीरपुर में प्रदूषण का स्तर 325 बेहद खराब कैटेगरी में दर्ज किया गया. दिल्ली के 20 सेंटरों पर AQI खराब कैटेगरी में दर्ज किया, जबकि 13 सेंटरों पर यह मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया.

प्रदूषण की वजह पराली जलाना
दरअसल, उत्तर और मध्य भारत में दिवाली के बाद किसान पराली जलाना शुरू कर देते है. इसी वजह से प्रदूषण बढ़ने की रफ्तार भी तेज हो जाती है. एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के सबसे नजदीक हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाई जाती है. 2015 में एनजीटी ने पराली जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाए जाने से किसानों को पराली का सफाया करने में परेशानी होने लगी.

केंद्र सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) अधिनियम 2021 के तहत पराली जलाने पर नियम लागू किए. इसके मुताबिक 2 एकड़ से कम जमीन पर पराली जलाने पर 5,000 रुपए के जुर्माना लगाने की बात कही गई. 2 से 5 एकड़ जमीन पर 10,000 रुपए और 5 एकड़ से ज्यादा जमीन पर पराली जलाने पर 30,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाता है.

AQI 400 के पार पहुंचने पर लगाया जाता है GRAP
वायु प्रदूषण की जांच के लिए इसे 4 कैटेगरी में बांटा गया है. इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) कहते हैं. इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है और प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है. दरअसल, 201 से 300 तक एक्यूआई होने पर धूल पर नियंत्रण और खुले में कचरा जलाने पर रोक लगाई जाती है. 301 से 400 तक डीजल जनरेटर चालाने पर रोक लगाई जाती है और पानी का छिड़काव शुरू कर दिया जाता है. 401 से 450 एक्यूआई होने पर गैरजरूरी निर्माण और ईंट भट्टों पर पाबंदियां लगा दी जाती हैं. वहीं एक्यूआई 450 से अधिक होने पर भारी वाहन पर रोक, निर्माण पर रोक और स्कूलों को बंद कर दिया जाता है.

दिल्ली सरकार ने कृत्रिम बारिश की तैयारियां कर ली है. दरअसल, कृत्रिम बारिश के लिए पहले से तैयारियां की जाती हैं. हेलीकॉप्टर, विमान या ड्रोन से बादलों के पास सिल्वर आयोडाइड छोड़ा जाता है. जिससे भाप इसके संपर्क में आते ही ठंडी होकर बारिश की बूदों में बदल जाती है. इस प्रक्रिया को संघनन कहा जाता है. जानकारी के अनुसार 50 से अधिक देश बारिश के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल करते हैं.

 

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