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मध्यप्रदेशराज्य

हाईकोर्ट का कड़ा कदम, छिंदवाड़ा में घरों के तुरंत हस्तांतरण के निर्देश

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छिन्दवाड़ा 
 प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छिन्दवाड़ा में 6 साल पहले मकान बनाकर देने और फिर प्रोजेक्ट कैंसिल करने के मामले में बड़ा अपडेट है. 6 साल पहले हितग्राहियों से लाखों रुपए लेने के बाद अचानक प्रोजेक्ट कैंसिल कर देने के मामले में हाईकोर्ट के फैसले से हितग्राहियों को बड़ी राहत मिली है.

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15 दिन में हितग्राही को मकान करें हैंड ओवर : हाईकोर्ट

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नगर निगम के पीएम हाउसिंग प्रोजेक्ट को लेकर शुरुआत से मामला सुर्खियों में रहा है. आनंद एसोसिएटस द्वारा बरती गई अनियमितता, खजरी प्रोजेक्ट में पजेशन न मिलने, ईमलीखेड़ा प्रोजेक्ट में साढ़े तीन लाख रु बढ़ाने और परतला प्रोजेक्ट को 6 साल तक काम बंद रखने के बाद अचानक प्रोजेक्ट निरस्त करने के मामले ने तूल पकड़ा था. इधर निगम प्रबंधन परतला प्रोजेक्ट को निजी या अर्धशासकीय एजेंसी को हैंडओवर करने की प्लानिंग कर रहा था, इसी बीच हाईकोर्ट द्वारा खजरी टाउनशिप में एक हितग्राही की याचिका पर अहम फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने निगम द्वारा जारी किए आवंटन निरस्त के आदेश को रद्द करते हुए हितग्राही को 15 दिनों के अंदर शेष राशि जमा करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके बाद मकान हैंड ओवर करने के आदेश दिए हैं.

रेरा नियमों के विरुद्ध आवंटन निरस्त

याचिकाकर्ता आरती बघेल ने बताया कि उन्होंने 24 अप्रैल 2023 को याचिका दायर की थी, जिसमें उल्लेख किया था, कि उन्हें आवंटित मकान एमआईजी 31 का आवंटन रदद कर दिया गया है. इसे चुनौती दी गई थी, जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि रेरा समझौते के तहत बुकिंग के समय पहली किश्त 10 प्रतिशत व कब्जे के समय दूसरी किश्त जमा करना थी. आरती ने निविदा निकलने पर आवेदन दिया व पहली किश्त के रूप में 4 लाख 30 हजार रूपए जमा किए, जिस पर उन्हें एमआईजी 31 आवंटित किया गया. इसके बाद 2 सितंबर 2022 को उन्हें डिमांड नोटिस जारी किया गया, जिसमें शेष राशि 38 लाख 70 हजार जमा करने के लिए कहा गया, जो कि रेरा समझौते के विपरीत है.

राशि जमा नहीं करने पर आवंटन रदद करने की धमकी दी गई थी. इसके विपरीत मकान का निर्माण भी पूरा नहीं किया गया, इस वजह से याचिकाकर्ता ने बाकी राशि जमा नहीं की, तो उनका आवंटन 24 अप्रैल 2023 को मनमाने तरीके से रद्द कर दिया गया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने रेरा के समझौते के तहत पूर्व में निर्धारित शर्तों को बदलने पर सवाल उठाए, जिसके बाद याचिकाकर्ता को निर्देश दिए गए कि वह शेष राशि को इस आदेश से 15 दिनों की अवधि के अंदर जमा करे और नगर निगम 15 दिनों में उसे मकान दे.

इस मामले में नगर निगम कमिश्नर चंद्रप्रकाश राय ने बताया, ''अभी कोर्ट के ऐसे किसी भी आदेश की जानकारी नहीं मिली है. कोर्ट ने अगर फैसला सुनाया है और हमें आदेशित किया जाता है तो कोर्ट के फैसले के अनुसार नगर निगम के एडवोकेट से सलाह लेंगे और उसके बाद ही आगे कुछ कह सकेंगे.''

परतला हितग्राहियों को भी मिला आधार

हाईकोर्ट का फैसला पूरे प्रदेश में स्वाभाविक रूप से लागू होता है. ऐसे में परतला हितग्राहियों द्वारा भी शुरुआत में बुकिंग राशि जमा की थी, ऐसे में प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने पर व मकान का आवंटन किए जाने के बाद हैंडओवर नहीं किए जाने पर यह फैसला एक बड़ा आधार बन सकता है, जिससे एक बार फिर परतला प्रोजेक्ट में हितग्राहियों को अपना मकान मिलने की उम्मीद नजर आ रही है

इमलीखेड़ा,परतला और खजरी में पीएम आवास योजना

2019 में नगर निगम छिंदवाड़ा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अफॉर्डेबल हाउस सरकारी जमीन पर बनाकर बेचने के लिए टेंडर निकाले थे, जिसमें इमलीखेड़ा में 78 खजरी में 43 और परतला में 23 ड्यूप्लेक्स मकान बनाकर पहले आओ पहले पाओ की योजना के तहत बेच दिए गए थे. इमलीखेड़ा और खजरी प्रोजेक्ट अभी भी अधूरे पड़े हैं लेकिन परतला प्रोजेक्ट को नगर निगम की अनुशंसा पर सरकार ने निरस्त कर दिया है.

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