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छत्तीसगढ़

देवभोग में बोगस खरीदी पर बड़ी लगाम, पिछले साल से 5 हजार क्विंटल धान खरीद कम

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फर्स्ट छत्तीसगढ़ न्यूज से विपिन कुमार सोनवानी

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देवभोग…. छत्तीसगढ़ – ओडिसा सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार धान तस्करी में हो रहें कार्यवाही से देवभोग क्षेत्र के 9 उपार्जन केन्द्र और अमलीपदर क्षेत्र के धान खरीदी केंद्रों में भी इसका असर देखने को मिल रहा हैं। लगभग एक महीने से पुलिस कि मुस्तैदी के चलते कारोबारियों का कमर टूट गया हैं जिसका असर अब तक देवभोग और अमलीपदर क्षेत्रों के खरीदी केंद्रों में देखने को मिल रहा हैं।

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विभागीय अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार देवभोग के दस धान उपार्जन केन्द्रों में अब तक कुल 188848.90 क्विटंल धान कि खरीदी हो चुकी हैं जो कुल खरीदी का अब तक 10 से 15 प्रतिशत ही हुआ हैं। उनका यह भी कहना है कि गत वर्ष कि तुलना में अब तक दश  खरीदी केंद्रों में अब तक करीब पांच हजार क्विंटल धान खरीदी में कमी हुई हैं।

पिछ्ले साल दस खरीदी केंद्रों में 687204.80 क्विटंल धान कि खरीदी हुई थी लेकिन खरीदी के करीब 19 दिन हों चुके हैं और  वर्तमान में 32 से 33 दिन खरीदी हेतु शेष है तो बचे इतने दिनों में धान के रकबा अनुसार खरीदी होना असंभव लग रहा हैं नए पंजीयन तहत् 15 दिसंबर तक पंजीयन होना है जिससे धान के रकबे में बड़ोतरी होने कि आशंका हैं, लेकिन अब तक के खरीद को देखते हुए शेष बचे हुए दिनों में पुरा पुरा धान का खरीदी होना संभव नहीं लग रहा है।

पुलिस विभाग कि लगातर कार्यवाही.. इस बार पुलिस विभाग के सक्रियता और पुलिस अधीक्षक निखिल राखेजा के निर्देश पर अवैध धान के परिवहन और भण्डारण पर लगातार कार्यवाही हों रहीं है इसी का नतीजा है कि खरीदी केंद्रों में बोगस खरीदी पर लगाम लगा हुआ हैं।
देवभोग पुलिस कि अब तक 900 क्विटंल से ज्यादा का धान जप्त.. देवभोग थाना प्रभारी फैजल होदा साह के अगुवाई में अब तक पहली बार धान के अवैध परिवहन और भण्डारण पर लगातार अंकुश लगा हैं ,अब तक करीब 900 से ज्यादा क्विटंल धान का कार्यवाही कि गई है जिसकी अनुमानित लागत 27 लाख से भी ज्यादा हैं दूसरी और राजस्व ,मंडी और खाद्य विभाग के द्वारा भी अवैध धान परिवहन और भण्डारण पर अंकुश लगाया जा रहा हैं। इनके द्वारा भी अब तक 300 से ज्यादा क्विंटल धान पर कार्यवाही कि जा चुकी हैं।

कार्यवाही से खरीदी आधी हो गई .. अंतिम खरीदी तारीख तक देवभोग सहकारी बैंक के दश खरीदी केंद्रों में अब तक 188848 क्विटंल धान कि खरीदी हो गई हैं जो पिछले साल कि तुलना में इस आंकड़े से ज्यादा धान कि खरीदी हो चुकी थी। वहीं हाल गोहरापदर ब्रांच के अधीन आने वाले 12 समितियों में भी देखने मिल रहा हैं। अगर प्रशासन का दबाव इस तरह आगे भी ऐसा बना रहें तो सरकार को बोगस खरीदी में प्रति वर्ष के करोड़ों नुकसान इस वर्ष नहीं होगा।

स्थानीय उत्पादन तय मात्र से कम.. देवभोग व अमलीपदर क्षेत्र में असौतन पैदावार प्रति एकड़ 12 से 15 क्विंटल होती हैं और सरकार प्रति एकड़ 21 क्विटंल धान कि खरीदी करती है ऐसे में किसान प्रावधिक मात्रा और उत्पादन मात्रा के अंतर को कम करने के लिए ओडिसा से निर्भर रहता हैं।

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