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राज्य

हरियाणा में शराब के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, DGP बोले- ड्राइवरों की खरीद पर भी रहेगी नजर

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चंडीगढ़ 
हरियाणा के DGP ओपी सिंह चार्ज संभालने के बाद लगातार एक्शन मोड में हैं और अपराधियों पर लगाम कसने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं। जिससे उनकी चर्चा भी खूब हो रही है। वहीं इसी के साथ ही अब DGP ने प्रदेश में सड़कों पर हादसों की वजह बनने वाले लोगों पर भी अपनी नजर गड़ा ली है। DGP ओपी सिंह ने हरियाणा पुलिस के सभी चौकी इंचार्ज, एसएचओ एवं डीएसपी और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों व कर्मियों को निर्देशित करते हुए एक सख्त एडवाइजरी जारी की है।

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इस एडवाइजरी में डीजीपी ने प्रदेश में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को 15 से 20 दिन जेल भेजने की बात कही है। साथ ही जो टक्कर मारकर भाग जाते हैं ऐसे गाड़ी चालकों को साल- 2 साल जेल की हवा खिलाने को कहा है। साथ ही उनका ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल करने को कहा है। डीजीपी ने कहा कि ओवरस्पीडिंग करने वालों को नाके लगाकर दबोचें और बेदर्दी से उनका चालान ठोंके। क्योंकि ऐसे सिरफिरों की वजह से सड़कें फायरिंग रेंज से भी ज़्यादा खतरनाक हो जाती हैं। डीजीपी ने कहा कि प्रदेश में हर साल हत्याओं से ज्यादा हादसों में लोग मारे जा रहे हैं और यह संख्या बहुत ज्यादा है।

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हरियाणा पुलिस को एडवाइजरी जारी करते हुए DGP ने लिखा है, ''इस साल जनवरी-अक्टूबर की अवधि में हरियाणा में लगभग 4,000 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई हैं। ये राज्य में इस अवधि में हत्या में हुईं 800 मौतों से पांच गुना ज्यादा हैं। मरने वाले ज्यादातर बीस-तीस साल के होते हैं, घर की रोटी कमा रहे होते हैं। इसके अलावा घायलों की संख्या इसे कहीं ज़्यादा है। उनके इलाज में लाखों खर्च होते हैं। कई तो पूरी उम्र के लिए अपाहिज हो जाते हैं।''

DGP ने आगे लिखा, ''मैं चाहूँगा कि हरियाणा पुलिस इसे एक मानव-निर्मित आपदा समझे जिसे प्रयास से कम किया जा सकता है। अपेक्षा है कि अपने इलाके में ब्लाइंडस्पॉट/एक्सीडेंट हॉटस्पॉट की पहचान की जाये। वहां हो रहे हादसे के कारणों का पता करें और यह तय करें कि वहां हादसों को रोका जा सके। साथ ही ये सुनिश्चित करें कि सड़क पर ख़राब होकर कोई गाड़ी खड़ी ना रहे। उसे सड़क से फौरन हटवायें। जब तक गाड़ी नहीं हटती, तब तक रिफ्लेक्टिव टैप वाले कोन लगायें, जिससे कि खड़ी गाड़ी दूर से दिखाई दे।''

DGP ओपी सिंह के नये आदेश में क्‍या-क्‍या कहा गया है, आइये जानते हैं…

डीजीपी ने अपने संदेश में बताया कि जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच हरियाणा में करीब 4,000 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई, जो इसी अवधि में हुई हत्या की घटनाओं (लगभग 800 मौतें) से 5 गुना ज्यादा हैं. इनमें से ज्यादातर मृतक 20 से 30 वर्ष के युवाजन हैं- यानी वही लोग जो घर की जिम्मेदारी संभाल रहे थे.

ब्लाइंड स्पॉट्स की पहचान करें, शराबियों को जेल भेजें
डीजीपी ओपी सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में ब्लाइंड स्पॉट और एक्सीडेंट हॉटस्पॉट्स की पहचान करें और हादसों के कारणों को चिन्हित कर उन्हें दूर कराएं. उन्होंने कहा कि सड़क पर खराब वाहन नहीं रुकने चाहिए. अगर मजबूरी में कोई वाहन खड़ा है तो उसके आगे रिफ्लेक्टिव कोन लगाकर सुरक्षा सुनिश्चित करें. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को 15 से 20 दिन जेल भेजें. ओवरस्पीडिंग रोकने के लिए प्रभावी नाके लगाएं और बेदर्दी से चालान ठोंकें. ऐसे सिरफिरे सड़क को फायरिंग रेंज से भी ज्यादा खतरनाक बना देते हैं.

डीजीपी ने आदेश दिया कि हाईवे के किनारे मौजूद शराब के ठेकों पर शाम के समय पुलिस ड्यूटी लगाई जाए, ताकि कोई भी ड्राइवर शराब पीकर वाहन न चलाए. ठेका संचालकों को आदेश दिया गया है कि वे “ड्रिंक एंड ड्राइव” के खिलाफ हिंदी में चेतावनी संदेश चलाएं.

ट्रक ऑपरेटरों को चेतावनी, टू-व्हीलर और पैदल चलने वालों के लिए क्‍या कहा..
ओपी सिंह ने ट्रक ऑपरेटरों को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि कई ड्राइवर लगातार बिना आराम किए लंबी दूरी तय करते हैं, जिससे हादसे की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. उन्होंने आदेश दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि ड्राइवर प्रशिक्षित हों और पर्याप्त विश्राम लें. डीजीपी ने बताया कि हादसों में मरने वालों में अधिकांश पैदल यात्री और दोपहिया चालक हैं. उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे इलाकों में विशेष पुलिस ड्यूटी लगाई जाए और टक्कर मारकर भागने वाले ड्राइवरों पर सख्त कार्रवाई की जाए. दो साल तक की जेल और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान सुनिश्चित किया जाए.

सड़क निर्माण विभाग को भी जिम्मेदार ठहराया
सड़क निर्माण विभाग को भी कटघरे में रखते हुए उन्होंने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित करे कि सही साइनेज, रोड डिजाइन, और कट्स तय मानकों के अनुसार हों. किसी बड़ी दुर्घटना में अगर इंजीनियरिंग डिज़ाइन में गलती पाई गई, तो विभागीय इंजीनियरों की आपराधिक जिम्मेदारी तय की जाएगी.

धुंध के मौसम को लेकर एक्टिव हो जाएं
सर्दियों में बढ़ती धुंध को देखते हुए डीजीपी ने कहा कि सड़क पर खड़े वाहन मौत के जाल साबित हो सकते हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर किसी क्षेत्र में ऐसी वजह से हादसा हुआ तो इसे पुलिस की लापरवाही माना जाएगा. उन्होंने पुलिस से अपेक्षा की कि किसी भी सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को आधे घंटे के भीतर अस्पताल पहुँचाया जाए और अस्पतालों से लगातार संपर्क में रहकर सही इलाज सुनिश्चित किया जाए. डीजीपी ने कहा कि नवंबर-दिसंबर में पिछले वर्ष के मुकाबले सड़क हादसों की संख्या कम करने वालों को गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाएगा और बड़ा खाना समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा.

वहीं डीजीपी ने आगे कहा, ''शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को पंद्रह-बीस दिन के लिए जेल जरूर भेजें। जहां ओवरस्पीडिंग की संभावना है वहां इफेक्टिव नाके लगायें, बेदर्दी से चालान ठोंके। ऐसे सिरफिरों की वजह से सड़कें फायरिंग रेंज से भी ज़्यादा खतरनाक हो जाती है। साथ ही ट्रक ऑपरेटरों से मिलकर ये तय करायें कि उनके ड्राइवर प्रशिक्षित हैं और उनके यहाँ ड्राइवरों को जरूरी आराम देने की प्रथा है। टारगेट टाइम पूरा करने के चक्कर में गाड़ियाँ चौबीसो घंटे चलती रहती है। ऐसे में दुर्घटना की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। उन्हें बतायें कि जाँच की आँच उन तक भी पहुँच सकती है।''

डीजीपी ने कहा, ''मरने वालों में ज्यादातर पैदल चलने वाले एवं टू-व्हीलर वाले होते है। जहां और जब ये ज़्यादा होता है, वहां ड्यूटियां लगायें। टक्कर मार कर भागने वाले ड्राइवरों के लिए साल-दो साल के लिए जेल का बंदोबस्त करें, उनका ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल करायें। सड़क निर्माण विभाग वालों से मिलकर जरूरी साइनेज लगवायें, मनमाने कट्स बंद करायें। उन्हें कहें कि एक्सीडेंट के बड़े मुकदमें में उनके डिज़ाइन इंजीनियरिंग फाल्ट की भी जांच की जाएगी। समय रहते एक्सीडेंट की रोकथाम के लिए जरूरी कदम नहीं उठाने पर उनकी आपराधिक जिम्मेवारी भी तय की जाएगी।''

डीजीपी ने आगे कहा, हाईवे के ठेके के आसपास शाम में ड्यूटियाँ लगायें। ये तय करें कि वहाँ शराब खरीदने वाला ड्राइवर पीकर गाड़ी ना चलाए। ठेके वाले से इस आशय का हिंदी में चलने वाले टिकर लगवायें जो ड्राइवर को इस बात की याद दिलाये। वहीं अब सर्दियों का मौसम शुरू हो गया हैं। धुँध में सड़क पर खड़ी गाड़ी जानलेवा होती है। जिनके इलाके में इस तरह का हादसा होगा, उनकी कोताही मानी जाएगी।''

डीजीपी ने हरियाणा पुलिस से कहा है, ''अपने इलाके में हर हाल में एक्सीडेंट में घायल को आधे घंटे के अंदर-अंदर नजदीकी अस्पताल पहुंचाया जाये। साथ ही यह तय किया जाये कि उसका सही इलाज समय पर हो जाए। इस बावत पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी अस्पताल संचालकों से नियमित संपर्क में रहें। डीजीपी ने हरियाणा पुलिस से कहा कि लोगों को विनम्रतापूर्वक यह याद दिलातें रहें कि अगर वह नियम तोड़ अपनी और अन्य लोगों की जान जोखिम में डालते हैं तो उनकी जगह जेल में है।''

 

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