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मध्यप्रदेशराज्य

श्रीलंका से अयोध्या तक की राम यात्रा का आगाज़, चित्रकूट से शुरू हुई ऐतिहासिक ‘राम यात्रा’

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चित्रकूट

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भगवान श्रीराम के वनगमन पथ पर आधारित ऐतिहासिक 'राम यात्रा' का शुभारंभ शनिवार को सतना के चित्रकूट से हुआ। इस अवसर पर प्रसिद्ध संत मुरारी बापू और मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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उत्तर प्रदेश के चित्रकूट धाम रेलवे स्टेशन से रवाना हुई यह विशेष ट्रेन चित्रकूट से रामेश्वरम तक जाएगी। इसके बाद राम यात्रा हवाई मार्ग से श्रीलंका पहुंचेगी और अंततः अयोध्या धाम में इसका समापन होगा।यह 11 दिवसीय यात्रा प्रभु श्रीराम के वनवास काल में तय किए गए मार्गों को पुनर्जीवित करने और उन पवित्र स्थलों को श्रद्धालुओं से जोड़ने के उद्देश्य से आयोजित की गई है। यात्रा 4 नवंबर तक चलेगी।

बापू बोले- यात्रा एकता का संदेश देगी इस पावन अवसर पर डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन, संत रामहृदय दास और उद्योगपति मदन पालीवाल सहित अनेक संत-महात्मा एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे। यात्रा के दौरान राम यात्री अत्रि मुनि आश्रम, सती अनुसूया, चित्रकूट और सरभंगा जैसे पौराणिक स्थलों से भी गुजरेंगे।

संत मुरारी बापू ने इस यात्रा को केवल भक्ति का नहीं, बल्कि संस्कृति और एकता का संदेश देने वाला बताया। उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने इसे मध्य प्रदेश के लिए गौरवपूर्ण क्षण कहा और श्रीराम के पदचिह्नों पर चलना भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान का प्रतीक बताया।

अत्रि मुनि आश्रम में जहां पहली रामकथा का आयोजन किया जाएगा. 411 भक्त एक विशेष ट्रेन से आठ हजार किलोमीटर की यात्रा करेंगे. इसमें नौ राम कथाएं शामिल हैं.

 27 अक्टूबर को पंचवटी (महाराष्ट्र), 28 तारीख को सबरी आश्रम (कर्नाटक) में कथा आयोजित की जाएगी. फिर 29 अक्टूबर को ऋषिमुख पर्वत (हम्पी) में और 30 अक्टूबर को प्रवर्षण पर्वत (कर्नाटक) में कथा होगी. इसके बाद एक नवंबर को रामेश्वरम में कथा का आयोजन किया जाएगा.
अयोध्या में होगा समापन

इसके बाद भक्त श्रीलंका की यात्रा में शिरकत करेंगे. श्रीलंका के कोलंबो में तीन नवंबर को कथा का आयोजन किया जाएगा. चार नवंबर को अयोध्या में रामकथा होगी. इसके साथ इस यात्रा का समापन होगा. सभी कथाएं निःशुल्क होंगी, जिसमें सभी वर्गों के लोग शामिल हो सकेंगे. इस यात्रा का आयोजन संतकृपा सनातन संस्थान के मदन पालीवाल द्वारा की जा रहा है.

मोरारी बापू ने कहा कि ये सिर्फ एक अध्यात्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि ये भगवान राम के करुणा और धर्म के रास्ते को याद करना है. जहां लोग उनका नाम प्रेम से लेते हैं वो जगह अयोध्या बन जाती है. बता दें कि यह मोरारी बापू की दूसरी राम यात्रा है. पहली राम यात्रा 2021 में अयोध्या से चित्रकूट और नंदीग्राम तक हुई थी.

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