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भाजपा सरकार द्वारा बिजली बिल हॉफ योजना बंद करना जनता पर अत्याचार

दीपक यादव बिलासपुर संभाग ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट

साय सरकार द्वारा बिजली बिल आधा योजना को बंद किये जाना जनता के ऊपर अत्याचार है। साय सरकार ने बिजली बिल हॉफ योजना को बंद कर दिया है।

साय सरकार ने मात्र 100 यूनिट के भीतर की खपत वाले का ही बिजली बिल हॉफ करने का निर्णय लिया है। इससे प्रदेश के अधिसंख्यक उपभोक्ता बिजली बिल हॉफ योजना से वंचित हो गये है। वर्तमान निर्देश के अनुसार 100 यूनिट से अधिक खपत होने पर बिजली बिल पूरा लगेगा तथा 100 यूनिट का छूट भी नहीं मिलेगा।

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काग्रेस की सरकार ने 5 वर्षों तक विपरीत परिस्थितियों में भी बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए बिजली बिल हाफ योजना शुरू किया था जिसका लाभ प्रदेश के 44 लाख घरेलू, उपभोक्ताओं को मिलता था जिसे 5 साल में लगभग प्रत्येक उपभोक्ता का 40 से 50 हजार रु तक की बचत हुई है।

काग्रेस सरकार द्वारा शुरू किये गये 400 यूनिट बिजली बिल हॉफ के दायरे में प्रदेश का लगभग हर उपभोक्ता आता था। किसी को बिजली का खपत मान लो 600 यूनिट था उससे ज्यादा भी था तो उसके पहले 400 यूनिट तक की खपत पर बिजली बिल आधा हो जाता था. शेष पर ही उसको पूरा बिल देना पड़ता था।

कांग्रेस, सरकार के इस फैसले का विरोध करती है।

पिछले माह ही सरकार ने बिजली के दाम चौथी बार बढ़ाया था। घरेलू खपत पर 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. गैर घरेलू बिजली की दर 25 पैसे प्रति यूनिट महगी कर दी गई है। सर्वाधिक बढ़ोतरी कृषि पंप के बिजली के दाम में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि करके की गई थी। डेढ़ साल के भीतर साथ सरकार ने घरेलू बिजली की दरों में अब तक कुल ४० पैसे प्रति यूनिट बढोतरी की है।

भाजपा सरकार बनने के बाद आम जनता को मांग के अनुसार बिजली नहीं मिल रहा है। बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से शहर और गांव की जनता जूझ रहे हैं। कांग्रेस की सरकार के दौरान 24 घंटा बिजली की आपूर्ति होती थी। गर्मी के दिनों में माग बढ़ने पर दूसरे राज्यों से भी बिजली की खरीदी किया जाता था और आम जनता को 24 घंटा बिजली की आपूर्ति की जाती थी।

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केंद्र की मोदी सरकार के गलत नीतियों के चलते हैं बिजली का उत्पादन लागत बढ़ा है. कोयले पर ग्रीन टैक्स चार गुना अधिक बढ़ा दिए, रेलवे का माल भाडा अधिक वसूल रहे है, थर्मल पॉवरप्लाट को अडानी की कंपनी से महंगे दर पर कोयला खरीदने बाध्य किया जा रहा है. डीजल पर सेंट्रल एक्साइज बढ़ाए जाने से परिवहन में और फायर के लिए उपयोग होने वाले डीजल की लागत बढी है जिसकी भरपाई भी उपभोक्ताओं पर बोझ बढाकर किया जा रहा है।

प्रदेश भर से अनाप-शनाप बिजली बिल आने की शिकायत लगातार आ रही है. स्मार्ट मीटर के नाम पर अधिक बिल उपभोक्ताओं को भेजा जा रहा है. अब तो जनता को लूटने के लिए अडानी की कपनी का प्रीपेड मीटर भी लगाने की तैयारी है।

काग्रेस पार्टी भाजपा सरकार के ऐसे अन्यायपूर्ण फैसले का विरोध करती है. कोयला हमारा, पानी हमारा, जमीन हमारी और हमें ही महंगे दर पर बिजली बेचा जा रहा है? सरकार के इस जनविरोधी निर्णय के खिलाफ कांग्रेस पूरे प्रदेश में आदोलन करेगी।

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