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गांजा तस्करों को मिली 10 साल के कठोर कारावास की सजा

अफीम गांजा जैसे नारकोटिक्स की रोकथाम के लिए हेल्पलाइन टोल-फ्री नंबर-1933

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सारंगढ़ बिलाईगढ़ न्यूज। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो एनसीबी इंदौर जोनल यूनिट द्वारा की गई कार्यवाही में अब सजा हुआ है। एनसीबी रायपुर जोनल यूनिट ने मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल दो आरोपियों को सजा दिलाने में सफलता प्राप्त की है। एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में है। यह मामला छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में तस्करी गतिविधियों में लिप्त दो आरोपियों से भारी मात्रा में गांजा जब्त करने से संबंधित है। यह मामला अगस्त 2023 में एनसीबी इंदौर जोनल यूनिट द्वारा बिल्हा पुलिस स्टेशन, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के पास 118.110 किलोग्राम गांजा जब्त करने से संबंधित है। यह प्रतिबंधित पदार्थ टाटा जेस्ट कार की डिक्की और पिछली सीट में छिपा हुआ था। बिलासपुर छत्तीसगढ़ निवासी प्रवीण कुमार वस्त्रकार और दीपक कुमार मरकाम नामक दो व्यक्तियों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। जाँच में ओडिशा से लाए गए और बिलासपुर भेजे जाने वाले गांजे की अंतरराज्यीय तस्करी में उनकी संलिप्तता का पता चला।
जांच पूरी होने पर, दिसंबर 2023 में माननीय न्यायालय के समक्ष शिकायत दर्ज की गई। 17.07.2025 को, माननीय न्यायालय चतुर्थ जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, बिलासपुर ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया और प्रत्येक को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत 10 साल के कठोर कारावास (आरआई) की सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
यह दोषसिद्धि मामले की उचित जांच और अभियोजन के माध्यम से नशा मुक्त भारत के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए एनसीबी की प्रतिबद्धता का उदाहरण है।
मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ लड़ाई में, एनसीबी नागरिकों से सहयोग चाहता है। कोई भी व्यक्ति मानस-राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन टोल-फ्री नंबर-1933 पर कॉल करके मादक पदार्थों की बिक्री से संबंधित जानकारी साझा कर सकता है। सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाती है।

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