गरियाबंदछत्तीसगढ़

सिनापाली उपार्जन केंद्र में 17 सौ क्विंटल धान उठाव हेतु शेष लेकिन स्थल में एक बोरी धान नहीं..

गरियाबंद से विपिन कुमार सोनवानी जिला ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट


समिति प्रभारी के धान खरीद पर उठा सवाल…

देवभोग न्यूज… सरकार जो है समितियों को धान खरीदने और रखरखाव के सम्बंध में पर्याप्त सुविधा मुहैय्या कराती है ताकि अन्न दाताओं से खरीदी गई धान को सुरक्षित रखे इसके लिए सरकार के द्वारा उचित कमिशन समितियों को देती है। धान खरीदने से लेकर उठाव तक। लेकिन सीनापाली खरीदी केंद्र के प्रबंधक और खरीदी प्रभारी के द्वारा धान खरीदी में भारी अनियमितता बरती जा रही है। सबसे बड़ी बात है कि इसकी खरीदी का जिम्मा सरकार के द्वारा खरीदी केंद्र को दी गई थी लेकिन मौके में धान नहीं है। गायब हुए सूखा और खरीदी से कम धान कि उपलब्धता शामिल है। गौहरापदर सहकारिता बैंक अंतर्गत सीनापाली खरीदी केंद्र में करीब 17 सौ क्विंटल धान कि कमी पाई गई है।

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बता दें सीनापाली खरीदी केंद्र में कुल 86604.40 क्विंटल धान कि खरीदी हुई थी जिसमें डीओ और टीओ कटे कुल धान कि मात्रा 82974.51क्विंटल धान कटा था और उठाव हेतु शेष धान 1631.89 क्विंटल धान कमी पाई गई है और स्थल से ही धान गायब है। जिसका खुलासा विभाग के आंकड़े से हुआ है।

सरकार के द्वारा धान खरीदी से लेकर रखरखाव के लिए प्रति क्विंटल 48 रुपए समिति को देती है। जिसमें सुतली से लेकर तालपतरी, भूसा, ड्रेनेज बनना होता है लेकिन अधिकत्तर समितियां के द्वारा राशि का जमकर बंदरबाट किया करते है जिसके फलस्वरूप धान कि ऐसी दुर्दशा होती है। और नीचे के बहुत सारे धान खराब हो जाते है।


देवभोग और गोहरापदर अंतर्गत आने वाले 23 उपार्जन केंद्रों कि बात करें तो करीब 18847 क्विंटल धान कि कमी पाई गई है जिसकी सरकारी कीमत प्रति क्विंटल 31 सौ रुपए के हिसाब से करीब 5 करोड़ा 84 लाख रुपए बताई जा रही है। जिसमें सबसे ज्यादा झाखरपारा, सीनापाली, लाटापारा, दीवानमुडा, झरगांव, धोरा, भेजीपदर, गौहरापदर, मूढ़गेलमाल, उरमाल उपार्जन केंद्रों में सुखद के नाम पर धान कि मात्रा कम पाई गई है।


निश्चिगुडा, गौहरापदर, देवभोग और रोहनागुडा उपार्जन केंद्रों के द्वारा शत प्रतिशत उठाव का टीओ/डीओ जारी कर दिया गया है।

कलेक्टर ने कराया था भौतिक सत्यापन.. जिले के प्रत्येक उपार्जन केंद्रों में समर्थन मूल्य में धान खरीदी में किसी तरह कि कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए टिम गठित कर भौतिक सत्यापन कराया गया है जिसमें धान के रखरखाव से लेकर शॉर्टज को कम करने के लिए गरीब दो से तीन बार भौतिक सत्यापन कराया गया था लेकिन सत्यापन कमीशन का भेंट चढ़ गया।

इस सम्बंध में जिला नोडल अधिकारी शिवेश शर्मा से जानकारी ली गई तो दोनों ब्रांच मैनेजर से जानकारी लेकर जानकारी देने कि बात कहीं।

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