मानवता,मेरा प्रथम कर्तव्य विधायक पत्थलगांव गोमती,साय मानवता की सेवा,पहला कर्तव्य।

पत्थलगांव विधायक गोमती साय की सक्रियता से मृतक अरुण केरकेट्टा के पार्थिव शरीर को आज लाया गया उनके गृहग्राम मठपहाड़
शैलेंद्र कुमार सरगुजा संभाग ब्यूरो चीफ
पत्थलगांव – बागबाहार थाना अंतर्गत ग्राम मठपहाड निवासी अरुण केरकेट्टा पिता फिलिप केरकेट्टा उम्र 22 वर्ष एक माह पूर्व मजदूरी कार्य करने अपने साथियों के साथ तमिलनाडु गया था इस दौरान बीते 11 अगस्त को सुबह सुबह चाय पीने फुटपाथ पर निकला कि तभी एक अनियंत्रित वाहन की ठोकर से वह चोटिल हो गया जिसके बाद वहां उपस्थित चाय वाले ने घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दी जिससे बाद पुलिस प्रशासन अपने टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंची और उसे स्थानीय अस्पताल मे ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के शव की पहचान नही होने पर अस्पताल के मर्च्युरी कक्ष मे शव को रख दिया गया।

अरुण के वापस अपने साथियों के पास ना पहुंचने पर उसके साथियों ने लापता होने की रिपोर्ट तमिलनाडु पुलिस थाना मे दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने साथियों से पार्थिव शरीर की पहचान करने के लिए अस्पताल बुलवाया। साथियों ने उस मृतक शव के अरुण होने की पुष्टि की जिससे बाद अरुण के साथियों ने इस घटना की सूचना उसके परिजनों को दी सूचना मिलते ही परिवार व गांव मे शोक लहर दौड़ गई

और परिवार के द्वारा पार्थिव शरीर को वापिस छत्तीसगढ़ गृहग्राम लाने की हर संभव प्रयास करने के बाद कुछ ना होने पर 14 अगस्त की सुबह पत्थलगांव विधायक गोमती साय के निवास मुंडाडीह पहुंच कर मृतक अरुण के पार्थिव शरीर को गृहग्राम मठपहाड़ लाने के लिए मदद की मांग की गई

जिस पर विधायक गोमती साय ने सक्रियता दिखाते हुए तत्काल तमिलनाडु के प्रशासनिक अधिकारियों से बात कर पार्थिव देह को शीघ्र ही छत्तीसगढ़ उसके गृहग्राम मठपहाड़ लाने की सुगम व्यवस्था करने के निर्देश दिए।जिसके बाद तमिलनाडु प्रशासन की मदद से पार्थिव शरीर को बैंगलोर एयरपोर्ट से एयर एम्बुलेंस के द्वारा रायपुर एयरपोर्ट पहुंचा जिसके पश्चात एंबुलेंस से मृतक अरुण केरकेट्टा के पार्थिव शरीर को मठपहाड़ लाया गया ।

विधायक गोमती साय ने मृतक अरुण केरकेट्टा के पार्थिव शरीर के साथ तमिलनाडु गए उसके साथियों को भी उनके गृहग्राम वापिस लाने के लिए हर तरह से सहयोग किया जिसके लिए मृतक के परिवारजनों ने विधायक गोमती साय का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया है। उनकी मदद से अरुण का पार्थिव शरीर बहुत ही कम समय मे आज गृहग्राम मठपहाड़ पहुंचा।