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नरसिम्हानन्द के खिलाफ सैकड़ो मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उप जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

अफजल अली लखीमपुर खीरी जिला ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट

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लखीमपुर खीरी जनपद के निघासन कस्बे में स्थित नूरी मस्जिद के इमाम व कमेटी के सदस्यो के साथ सैकड़ों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पैगंम्बर मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी करने वाले नरसिम्हानन्द के खिलाफ उप जिलाधिकारी निघासन राजीव निगम को ज्ञापन सौंपा। निघासन कस्बे में स्थित नूरी मस्जिद के इमाम व कमेटी के सदस्यो के साथ सैकड़ों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उप जिलाधिकारी निघासन राजीव निगम को एक ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि नरसिम्हानन्द की एक बार फिर मुल्क को बदअमनी की आग में झोकाने की कोशिश वसाजिश इंन्तेहाई सदमे और सदीद गम व गुस्सा के इजहार के साथ हम हुकूमत व अदलिया से मुतालबा करते हैं

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कि वो यति नरसिम्हानन्द पर मजहबी नफरत फैलाने का मुकदमा दर्ज करें और आईने हिन्द के तहत इसपर एनएसए लगाकरके गिरफ्तारी करके उम्र कैद की सजा सुनाए क्योंकि 29 सितंबर 2024 को नरसिम्हानन्द ने फिर से पैगंम्बर इंसानियत व रहमत पैगंम्बर अमन व अमान जनाब मोहम्मदूर रसूलल्लाह सल्लल्लाहो वाले वसल्लम की शान में गुस्ताखी करके एक बार फिर मुल्क को बद अमनी की आग में झोंकने की कोशिश की है जो यकीनन मुल्क के खिलाफ एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।

नरसिम्हानन्द ने हिंदुओं को दशहरे पर रावण की जगह पैगंम्बर इस्लाम का पुतला बनाकर उसे जलाने की आम दावत दी है माज अल्लाह और शानेए रिसालत में निहायत गुस्तखाना अल्फाज का इस्तेमाल किया है जिसकी वीडियो क्लिप तीन अक्टूबर 2024 को यूट्यूब पर अपलोड की गई है।सुप्रीम कोर्ट ने मजहबी नफरत फैलाने वाले उसे शख्स नरसिम्हानन्द को जमानत देते वक्त ही वाजे कर दिया था अगर यह शख्स फिर से इस जुर्म को मुरतबिक होता है तो उसकी जमानत मनसुख कर दी जाएगी लेकिन अब तक शख्स ने अदालत के इस फरमान वे हुक्म को खातिर में न लाते हुए उसे अपने पैरों तले रौंधकर सिर्फ शाने रिसालत में गुस्ताखी ही नहीं बल्कि मुल्क की सबसे बड़ी अदालत की तोहीन भी की है।

लिहाजा उसे ता उम्र जेल की सलाखों के पीछे ढाकेल देना लाजिम है ताकि आइंदा किसी की हिम्मत ना हो और मुल्क व सुबा के अमन व अमान को किसी किस्म खतरा लाहिक ना हो याद रहे नरसिम्हानन्द जैसे गुस्ताखों के खिलाफ इहतिजाज मुजाहिदबे गिरफ्तारी के मुतलिबात अब तक बहुत हो चुके हमे नही लगता कि सुबाई मरकजी हुकूमत और अदलिया को मुसलमानों की जानिब से इहतिजाज मुजाइरा और मुतलिबात का इंतजार करना चाहिए क्योंकि उसके कई नुकसान है।

ज्ञापन देने के दौरान मोहम्मद तौक़ीर रज़ा। हाफ़िज़ अख़लाक़। मौलाना मोहम्मद रज़ा। मौलाना सूफयान।
मौलाना रिज़वान। मौलाना मोनिस। मौलाना कफील। मौलाना इरफ़ान।कारी अज़ीम। हाफ़िज़ ताहिर। मौलाना महेशाद। नौशाद, जबिद अली, ताहिर, फिरोज़, किस्मत, मौलाना मुजाहिद, मौलाना गुलाम वारिस सहित काफी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग मौजूद रहे।

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