छत्तीसगढ़रायपुर

जशपुर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और राज्यपाल द्वारा रेशमा जैन को दी गई डॉक्टरेट की उपाधि

शैलेंद्र कुमार सरगुजा संभाग ब्यूरो चीफ

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दीक्षा समारोह में भव्य सम्मान और शैक्षणिक यात्रा का उल्लेख

रेशमा जैन को 31 अगस्त को अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षा समारोह में डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और राज्यपाल की उपस्थिति ने समारोह को विशेष गरिमा प्रदान की। विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रमुख शिक्षाविदों और गणमान्य व्यक्तियों के समक्ष रेशमा जैन को यह उपाधि प्रदान की गई, जो उनके शैक्षणिक और शोध कार्यों में अनुकरणीय योगदान का सम्मान है।

रेशमा जैन ने अपना शोध कार्य डॉ. रश्मि साहू के कुशल निर्देशन में पूरा किया। उनके शोध ने विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया, विशेषकर जीव विज्ञान में। उन्होंने अपने शोध में नई दृष्टिकोणों और नवीन तकनीकों का उपयोग करते हुए महत्वपूर्ण निष्कर्षों तक पहुंच बनाई। डॉ. रश्मि साहू के निर्देशन में किया गया यह शोध न केवल अकादमिक क्षेत्र में बल्कि व्यावहारिक रूप से भी अत्यधिक मूल्यवान सिद्ध हुआ है।

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रेशमा जैन की शैक्षणिक यात्रा उल्लेखनीय रही है। वे पिछले कई वर्षों से लोयोला कॉलेज, कुनकुरी में जीव विज्ञान की सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रही हैं। अपने शिक्षण कार्य के दौरान, उन्होंने न केवल जीव विज्ञान में छात्रों को सशक्त बनाया, बल्कि उन्हें शोध के प्रति प्रेरित भी किया। रेशमा जैन ने अपने शिक्षण के साथ-साथ अनेक शोध परियोजनाओं का भी नेतृत्व किया, जिनमें से कई परियोजनाओं ने जीव विज्ञान के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित किए हैं। उनके मार्गदर्शन में अनेक छात्रों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है।

इस विशेष अवसर पर, रेशमा जैन ने अपनी उपलब्धि पर विचार व्यक्त करते हुए कहा, “यह उपाधि मेरे जीवन की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस सम्मान ने मुझे और अधिक प्रेरित किया है कि मैं शिक्षा और शोध के क्षेत्र में अपने कार्यों को और भी प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाऊं। यह मेरे परिवार, छात्रों और सहकर्मियों का सहयोग है, जिसने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है।”

समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों, शिक्षाविदों, और परिवारजनों ने रेशमा जैन के इस सम्मानजनक उपलब्धि पर उन्हें हार्दिक बधाइयाँ दीं। उनकी इस सफलता ने उनके परिवार और शुभचिंतकों के बीच गर्व और खुशी का माहौल बना दिया है। रेशमा जैन की यह उपलब्धि उनके भविष्य के लिए नए द्वार खोलने वाली है, और उनके समर्पण और मेहनत ने शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए हैं।

रेशमा जैन का यह समर्पण और उनकी शिक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता निश्चित रूप से आने वाले समय में और भी बड़ी उपलब्धियों का मार्ग प्रशस्त करेगी। उनके इस योगदान ने न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से, बल्कि उनके छात्रों और अकादमिक समुदाय को भी गौरवान्वित किया है। इस सम्मानजनक उपाधि के साथ, वे शिक्षा और शोध के क्षेत्र में और भी ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार हैं।

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