CPM SCHOOL
Blog

गांधीनगर, गुजरात में री-इन्वेस्ट 2024 के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

13229/ 56

प्रयास है कि अयोध्या का हर घर, हर कार्यालय, हर सेवा, सौर शक्ति से चले, सोलर एनर्जी से चले। और मुझे खुशी है कि अब तक हम अयोध्या के अनेकों सुविधाओं और घरों को सोलर एनर्जी से जोड़ चुके हैं। अयोध्या में बड़ी संख्या में सोलर स्ट्रीट लाइट्स, सोलर चौराहे, सोलर बोट्स, सोलर वाटर एटीएम और सोलर बिल्डिंग देखी जा सकती हैं।

हमने भारत में ऐसे 17 शहरों की पहचान की है जिसे हम, इसी प्रकार सोलर सिटी के तौर पर विकसित करना चाहते है। हम अपनी एग्रीकल्चर फील्ड्स को, हमारे खेतो को भी, हमारे किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए Solar Power Generation का माध्यम बना रहे हैं। आज किसानों को इरीगेशन के लिए सोलर पंप और छोटे सोलर प्लांट लगाने के लिए मदद दी जा रही है। भारत आज रीन्यूएबल एनर्जी से जुड़े हर सेक्टर में बड़ी स्पीड और बड़े स्केल पर काम कर रहा है। बीते दशक में हमने न्यूक्लियर एनर्जी से पहले की तुलना में 35 परसेंट ज्यादा बिजली पैदा की है। भारत, ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में Global Leader बनने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए हमने करीब twenty thousand crore रुपए का ग्रीन हाइड्रोजन मिशन लॉन्च किया है। आज भारत में waste to energy का भी एक बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। क्रिटिकल मिनरल्स से जुड़े challenges को एड्रेस करने के लिए हम सर्कुलर अप्रोच को प्रमोट कर रहे हैं। Re-use और recycle से जुड़ी बेहतर टेक्नोलॉजी तैयार हों, इसके लिए स्टार्ट अप्स को भी सपोर्ट किया जा रहा है।

साथियों,

Pro-Planet people का सिद्धांत हमारा कमिटमेंट है। इसलिए भारत ने दुनिया को मिशन LiFE, मिशन LiFE यानि life style for environment का विजन दिया है। भारत ने International solar alliance का initiative लेकर दुनिया के सैकड़ों देशों को जोड़ा है। भारत की G-20 Presidency के दौरान भी Green Transition पर भी हमारा बहुत फोकस रहा है। G-20 समिट के दौरान Global Biofuel Alliance भी launch किया गया था। भारत ने अपनी रेलवे को इस दशक के अंत तक नेट ज़ीरो बनाने का भी लक्ष्य रखा है। कुछ लोगों को लगेगा कि भारत की रेलवे नेट ज़ीरो का मतलब क्या है? जरा मैं उनका बता दूं। हमारा रेलवे नेटवर्क इतना बड़ा है कि डेली ट्रेन के डिब्बे में करीब-करीब एक-डेढ़ करोड़ लोग होते हैं, इतनी बड़ी ट्रेन नेटवर्क। और उसको हम नेट ज़ीरो बनाने वाले हैं। हमने ये भी तय किया है कि 2025 तक हम पेट्रोल में twenty percent इथेनॉल ब्लेंडिंग का टारगेट हासिल करेंगे। भारत के लोगों ने गांव-गांव में हजारों अमृत सरोवर भी बनाए हैं, जो water conservation के काम आ रहे हैं। आजकल आप देख रहे होंगे…भारत में लोग अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगा रहे हैं, ‘एक पेड़ मां के नाम’। मैं आपसे भी इस अभियान से जुड़ने का आग्रह करूंगा, दुनिया के हर नागरिक को आग्रह करूंगा।

साथियों,

भारत में रीन्युएबल एनर्जी की डिमांड तेज़ हो रही है। सरकार भी इस डिमांड को मीट करने के लिए नई policies बना रही है, हर तरह से सपोर्ट दे रही है। इसलिए, आपके सामने opportunities सिर्फ energy generation में ही नहीं है। बल्कि manufacturing में भी अद्भुत संभावनाएं हैं। भारत का प्रयास, पूरी तरह से Made in India solutions का है। इससे भी आपके लिए यहां अनेक संभावनाएं बन रही हैं। भारत, सही मायने में आपके लिए expansion की और बेहतर return की गारंटी है। और मैं आशा करता हूं कि आप उसमें जुड़ेंगे। इस क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट के लिए इससे बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती है, इनोवेशन के लिए बहुत अच्छी जगह और नहीं हो सकती है। और मैं कभी-कभी सोचता हूं, हमारे मीडिया में कभी-कभी गॉसिप कॉलम आती है, बड़ी चटाकेदार होती है, मजेदार होती है कभी-कभी। लेकिन उनका एक बात पर ध्यान नहीं गया और आज के बाद जरूर ध्यान जाएगा। अभी जो यहां भाषण कर रहे थे ना प्रहलाद जोशी वो हमारे रिन्यूएबल एनर्जी के मिनिस्टर है, लेकिन मेरी पिछली सरकार में वो कोयले के मंत्री थे। तो देखिए मेरा मंत्री भी कोयले से रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ चला गया।

मैं एक बार फिर आप सभी को भारत की ग्रीन ट्रांजिशन में इन्वेस्ट करने के लिए आमंत्रित करता हूं। और आप इतनी बड़ी तादाद में यहां आए मैं आपका फिर से एक बार, इस धरती में, मैं पैदा हुआ, गुजरात ने मुझे बहुत कुछ सिखाया तो मेरा भी मन करता है कि गुजरात के मुख्यमंत्री के साथ-साथ मैं भी आप सबके स्वागत में अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए, आप सबका धन्यवाद करते हुए सभी राज्यों की भागीदारी के लिए, मैं सभी राज्य सरकारों का भी आभार व्यक्त करता हूं। जो मुख्यमंत्री यहां पधारे हैं, उनका भी मैं विशेष रूप से आभार व्यक्त करता हूं। और मैं पूरे विश्वास से कहता हूं कि ये हमारी समिट, इस समिट में होने वाला संवाद ये हम सबको जोड़ेगा भी और हमें अपनी भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए जोड़ेगा।

मुझे याद है एक बार राष्ट्रपति ओबामा यहां पर टूर, भारत में उनका प्रवास था bilateral visit के लिए आए थे। तो हमारी प्रेस कॉन्फ्रेस थी, दिल्ली में तो किसी पत्रकार महोदय ने पूछा क्योंकि उस समय चल रहा था लोग भांति-भांति के सारे आंकड़े घोषित करते रहते थे, ये करेंगे, वो करेंगे तो उन्होंने मुझे पूछा कि दुनिया में भांति-भांति के देश बड़े-बड़े टारगेट तय कर रहे हैं क्या इसका दबाव है क्या आपके मन पर। और मैंने उस दिन जवाब दिया था मीडिया को कि मोदी है…। यहां किसी का दबाव, वबाव नहीं चलता है। फिर मैंने कहा था कि हां मुझ पर दबाव है और वो दबाव है हमारी भावी पीढ़ी के संतानों का, जो जन्मे भी नहीं हैं लेकिन उनके उज्जवल भविष्य की चिंता मुझे सताती रही है। और इसलिए आने वाली पीढ़ियों के कल्याण के लिए काम मैं कर रहा हूं और आज भी ये समिट हमारे बाद दूसरी-तीसरी-चौथी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य की गारंटी बनने वाली है। उतना बड़ा काम करने के लिए आप यहां आए हैं, महात्मा गांधी के नाम पर बने इस महात्मा मंदिर में आए हैं। मैं फिर एक बार आप सबका ह्दय से बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।

Advertisements

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button