छत्तीसगढ़

ग्राम बघेरा एवं बोरी में जल संरक्षण, स्वच्छता एवं फसल संगोष्ठी का आयोजन।

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ग्राम बघेरा एवं बोरी में जल संरक्षण, स्वच्छता एवं फसल संगोष्ठी का आयोजन

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– स्वयं सेवी संस्था उद्याचल द्वारा पौधरोपण के लिए किया जा रहा सीड बाल निर्माण

– बरसात के मौसम में सीड बाल का उपयोग कर अधिक से अधिक किया जाएगा पौधरोपण

राजनांदगांव। जिला प्रशासन द्वारा जिले में मिशन जल रक्षा अभियान अंतर्गत जल संरक्षण एवं पौधरोपण के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है। कलेक्टर संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह के निर्देशन में ग्रामों में संगोष्ठी का आयोजन कर जल संरक्षण, पौधरोपण, धान के बदले कम पानी वाले फसल, स्वच्छा सहित अन्य विषयों के संबंध में जानकारी दी जा रही है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जल संरक्षण एवं पौधरोपण के लिए कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम बघेरा में जल संरक्षण, स्वच्छता एवं फसल संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में सरपंच, सचिव व गणमान्य नागरिकों द्वारा गांव को स्वच्छ रखने, जल का दुरूपयोग नहीं करने एवं पौधरोपण के सम्बन्ध जानकारी देने के साथ ही प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर आरईओ जीतेन्द्र वर्मा, तकनीक सहायक जनपद पंचायत राजनांदगाव श्री गोपीचंद साहू, श्रीमती नीति शर्मा, सरपंच हरीश देशमुख, सचिव श्री मोहन लाल साहू, रोजगार सहायक पार्वती साहू सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वसहायता समूह की महिलाएं, स्वच्छताग्राही, गणमान्य नागरिक, पंचायत कर्मचारी सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे।

इसी तरह राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम बोरी में जल सुरक्षा एवं फसल संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में कृषकों को धान के बदले कम पानी वाले अन्य फसल जैसे रागी मक्का, दलहन, तिलहन, कपास लगाने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही किसानों को विभागीय योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई और जल संरक्षण के लिए शपथ दिलाई गई। स्वयं सेवी संस्था उद्याचल द्वारा पौधरोपण के लिए सीड बाल निर्माण अभियान प्रारंभ किया गया है।

जिसके तहत खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिले से आए सीड बाल बनाने में दक्षता रखने वाले 7 कार्यकर्ता द्वारा उदयाचल में सीड बाल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया और 1940 सीड बाल बनाए गए। जल संरक्षण एवं पौधरोपण तहत उदयाचल द्वारा बरसात के मौसम में सीड बाल का उपयोग कर अधिक से अधिक पौधरोपण करने का लक्ष्य रखा गया है।

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